बीरेंद्र कुमार झा
वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कई तरह के राजनीतिक बयानबाजी सामने आ रही है।इस बीच विधि आयोग ने मामले पर कहा कि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल बढ़ाकर या घटाकर 2029 से लोकसभा चुनाव के साथ सभी विधान सभाओं के चुनाव एक साथ करने के फार्मूले पर काम चल रहा है।विधि आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार पहले ही लोकसभा राज्य विधानसभा और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने के वास्ते एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर चुकी है,इसलिए विधि आयोग को अपनी वर्तमान सिफारिश के साथ-साथ स्थानीय निकाय चावन को भी शामिल करने को कहा जा सकता है। सूत्रों ने कहा की विधि आयोग लोकसभा विधानसभा और स्थानीय निकायों के वास्ते एक मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए तंत्र तैयार कर रहा है, ताकि लागत कम हो सके और जनशक्ति का इस्तेमाल लगभग एक समान कवायद के लिए किया जा सके,जो अभी निर्वाचन आयोग और विभिन्न राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा की जाती है। सूत्रों ने हालंकि यह बताया कि अभी एक साथ चुनाव कराने पर विधि आयोग की रिपोर्ट तैयार नहीं है, क्योंकि कुछ मुद्दों पर निपटारा होना बाकी है।
विधि आयोग विधानसभा की अवधि बढ़ने और घटाने की कर सकती है सिफारिश
वर्ष 2029 से राज्यों की विधानसभाओं और लोकसभा दोनों चुनाव एक साथ करना सुनिश्चित करने के लिए न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी के तहत आयोग विधानसभाओं के कार्यकाल को कम करने या बढ़ाने का सुझाव दे सकता है। सूत्रों ने बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र तैयार किया जा रहा है कि एक बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करने की व्यवस्था हो जाए तो मतदाता दोनों चुनाव के लिए मतदान करने के वास्ते केवल एक बार मतदान केंद्र पर जाएं, क्योंकि विधानसभा और संसदीय चुनाव विभिन्न चरणों में होते हैं, इसलिए आयोग इस बात पर भी गौर कर सकता है कि मतदाता दो चुनावों के लिए मतदान करने के वास्ते एक से अधिक बार मतदान केदो पर न जाए।
फिलहाल आयोग का काम विधानसभा लोकसभा चुनाव एक साथ करने के तरीकों को सुझाना
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आयोग का विचार है कि विधानसभा और संसदीय चुनाव एक साथ कराया जा सकता हैं और वह केवल व्यापक लोकतांत्रिक कवायद की सुचारू संचालन के लिए तौर तरीकों पर काम कर रहा है। फिलहाल आयोग का काम विधानसभा और लोकसभा चुनाव चुनाव एक साथ करने का तरीका सुझाना है।दूसरी तरफ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति को यह सिफारिश करने का काम सोपा गया है कि लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव ( पंचायत नगर पालिका जिला परिषद ) एक साथ कैसे आयोजित किया जा सकता हैं।
पहले चरण में लोकसभा विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं
विधि आयोग एक सुझाव यह दे सकता है कि त्रिस्तरीय चुनाव 1 साल में दो चरणों में कराया जाए। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराया जा सकता हैं और दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव कराया जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि देश में विभिन्न जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक व्यवहारिक दृष्टिकोण है। कानून मंत्रालय ने अप्रैल 2018 में विधि आयोग से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे की जांच करने को कहा था।