न्यूज़ डेस्क
संसद सुरक्षा में सेंधमारी के मास्टरमाइंड ललित झा ने दिल्ली पुलिस के सामने बीती देर रात को आत्मसमर्पण कर दिया। दिल्ली पुलिस ने भी इसकी पुष्टि की है। झा से गहन पूछताछ चल रही है। झा ने नई दिल्ली जिले के कर्तव्य पथ पुलिस स्टेशन के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। एक सूत्र ने कहा, “आगे की जांच के लिए उसे स्पेशल सेल को सौंप दिया गया है।”
इससे पहले गुरुवार को, इस सिलसिले में गिरफ्तार किए गए चार मुख्य आरोपियों – सागर शर्मा, मनोरंजन डी., नीलम आज़ाद और अमोल शिंदे को दिल्ली की एक अदालत ने सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मनोरंजन मैसूर का रहने वाला, जबकि सागर लखनऊ का, नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है, जबकि अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है।
पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में उनके और बिहार के मूल निवासी झा के खिलाफ दर्ज मामले में धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 186 (लोक सेवकों के काम में बाधा डालना), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 (लोक सेवकों को कर्तव्य से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), साथ ही गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 और 18 लगाई गई है।
सूत्रों के मुताबिक, पांचों मुख्य आरोपियों ने कथित तौर पर घटना से पहले रात गुरुग्राम के सेक्टर 7 में विक्रम उर्फ विक्की शर्मा नाम के व्यक्ति के आवास पर बिताई थी। वे बुधवार सुबह 8 बजे घर से निकले थे। मामले के सिलसिले में हिरासत में लिए गए विक्रम और उसकी पत्नी राखी को घंटों पूछताछ के बाद गुरुवार शाम को जाने दिया गया।
सूत्र के अनुसार, झा ने अपनी योजना को अंजाम देने से ठीक पहले चार अन्य आरोपियों के मोबाइल फोन ले लिए और जल्दबाजी में भाग निकला।झा ने कथित तौर पर संसद के बाहर अमोल और नीलम के विरोध प्रदर्शन को भी फिल्माया और इसे नीलक्खा आइच नाम के एक व्यक्ति के साथ साझा किया, जो पश्चिम बंगाल में एक एनजीओ (सामोवादी सुभाष) से जुड़ा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम राज्य के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा आइच से पूछताछ करने के लिए पश्चिम बंगाल जा सकती है।
जांच से जुड़े सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि सुरक्षा में सेंध लगाने में शामिल सभी पांच आरोपी फेसबुक पर ‘भगत सिंह फैन क्लब’ पेज के जरिए जुड़े हुए थे। जांचकर्ताओं को संदेह है कि उन्हें इस कृत्य से पहले और उसके दौरान किसी के द्वारा निर्देशित किया जा रहा था।