न्यूज डेस्क
भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। इसकी जानकारी खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए दी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ”लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
I am very happy to share that Shri LK Advani Ji will be conferred the Bharat Ratna. I also spoke to him and congratulated him on being conferred this honour. One of the most respected statesmen of our times, his contribution to the development of India is monumental. His is a… pic.twitter.com/Ya78qjJbPK
— Narendra Modi (@narendramodi) February 3, 2024
आडवाणी 2002 से 2004 तक रहे देश के उप प्रधानमंत्री
लालकृष्ण आडवाणी 5 बार लोकसभा और 4 बार राज्यसभा से सांसद रहे हैं। आडवाणी 3 बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे चुके हैं, 2002 से 2004 तक वह देश के उपप्रधानमंत्री रहे हैं।
आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में हुआ
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में हुआ था। 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उप-प्रधानमंत्री रहे। वह भाजपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल हैं। आडवाणी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में हुई थी।
कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेलों में असाधरण योगदान के लिए दिया जाता है सर्वोच्च नागरिक सम्मान
कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए असाधारण योगदान देने वाले लोगों को ‘भारत रत्न’ से नवाजा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ दिये जाने पर खुशी जाहिर की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “मुझे यह बताते हुए बेहद हर्ष हो रहा है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी। हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।”