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लद्दाख में अनशन पर बैठे जलवायु कार्यकर्त्ता सोनम वांगचुक ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा है कि वे लद्दाख की समझे और और जो वादा उन्होंने यहाँ के लोगों से किया था वह पूरा भी करे। उन्होंने कहा कि लद्दाख को राज्य का दर्जा दिए जाने तथा उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को यहाँ के लोगों की भावना को समझना चाहिए। पीएम मोदी ने कुछ इसी तरह का वादा भी किया था। बता दें कि वांगचुक पिछले 21 दिनों से अनशन पर बैठे हैं।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किए एक वीडियो में कमजोर दिख रहे वांगचुक ने लद्दाख के लोगों से राष्ट्र हित में इस बार ‘‘बहुत सावधानीपूर्वक’’ अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का आह्वान किया। प्रख्यात शिक्षा सुधारक वांगचुक लेह में स्थित एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) के संयुक्त प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के एक दिन बाद छह मार्च से शून्य से नीचे के तापमान पर ‘जलवायु अनशन’ कर रहे हैं। ये दोनों संगठन लद्दाख को राज्य का दर्जा देने तथा उसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन का संयुक्त रूप से नेतृत्व कर रहे हैं।
छठी अनुसूची में स्वायत्त जिला परिषदों के जरिए असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में आदिवासी इलाकों के प्रशासन से जुड़े प्रावधान हैं।प्रधानमंत्री को भारतीय जनता पार्टी द्वारा उसके चुनाव घोषणापत्र में किए वादों की याद दिलाते हुए वांगचुक ने कहा कि मोदी भगवान राम के भक्त हैं और उन्हें ‘प्राण जाए पर वचन ना जाए’ की उनकी सीख का पालन करना चाहिए।
बॉलीवुड की ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘‘3 इंडियट्स’ में आमिर खान का किरदार रैंचो, वांगचुक के जीवन से प्रेरित है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत लोकतंत्र की जननी है और हम नागरिकों के पास एक बहुत विशेष शक्ति है। हम निर्णायक भूमिका में हैं, हम किसी भी सरकार को उसके तौर तरीके बदलने के लिए विवश कर सकते हैं या काम न करने पर सरकार बदल सकते हैं। राष्ट्र हित में इस बार बहुत सावधानीपूर्वक अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना याद रखना।’’
लद्दाख में पांचवें चरण में 20 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा।
वांगचुक ने कहा कि पिछले 20 दिनों में लद्दाख के तीन लाख निवासियों में से करीब 60,000 लोग इस अनशन में शामिल हुए हैं लेकिन ‘‘इस सरकार ने एक शब्द नहीं कहा।’’ उन्होंने कहा, “हम लद्दाख में हिमालयी पहाड़ों के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और यहां की अद्वितीय स्वदेशी जनजातीय संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की चेतना को जगाने का प्रयास कर रहे हैं।’’