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बिहार में बाढ़ का तांडव, कोसी और गंडक के रौद्र रूप से सहमे लोग

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बिहार में बाढ़ का संकट अब गहराने लगा है। उत्तर बिहार के 20 जिलों में आए बाढ़ से तबाही का खतरा बढ़ा है। नेपाल में हुई जोरदार बारिश से गंडक और कोसी नदी में रिकॉर्ड पानी आया और शनिवार से ही हालात पूरी तरह से गड़बड़ाने लगा जब गंडक और कोसी बराज से रिकॉर्ड मात्रा में पानी छोड़ा गया। रविवार सुबह 5 बजे कोसी बराज से 6.5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया जो 1968 के बाद से सबसे अधिक डिस्चार्ज है। वहीं कोसी के डिस्चार्ज में तो लगातार कमी आ रही है,लेकिन पानी कोसी-सीमांचल के जिलों में घुस गया है।तटबंध के अंदर बसे लोगों में त्राहिमाम की स्थिति है।अब धीरे-धीरे नदी के तटबंधीय इलाके में तबाही का मंजर तेज होने लगा है।

बिहार में बराज से रिकॉर्ड मात्रा में छोड़ा गया पानी अब तबाही का संकेत देने लगा है।कोसी का पानी तेजी से कोसी-सीमांचल व आसपास के जिलों में प्रवेश कर रहा है।तटबंध के अंदर बसे लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। जानकारों की मानें तो तीन दिन के अंदर तबाही का भारी मंजर दिखने लगा है। इधर गंडक के भी डिस्चार्ज में लगातार कमी आयी है,लेकिन पश्चिम चंपारण के बगहा में तटबंध टूटने से हाहाकार मचा हुआ है।सीतामढ़ी में भी बागमती का तटबंध क्षतिग्रस्त होने से हालात बिगड़े हैं।

बिहार में बराज से पानी घटा ,लेकिन तटबंधों पर कटाव की चुनौती अभी भी बढ़ी हुई है।बिहार में आधा दर्जन से अधिक तटबंध एक दिन के अंदर क्षतिग्रस्त हुए हैं,जिससे पानी निचले इलाके में तेजी से प्रवेश कर गया है। सुपौल में कोसी नदी का रौद्र रूप देखने को मिला है, जिससे हजारों परिवार उजड़ गए हैं।56 साल के बाद इन क्षेत्रों में ऐसी तबाही देखी गई है। कोसी का पानी लोगों के घर में प्रवेश कर गया हैं।लोग अपना घर छोड़ सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं। एक बुजुर्ग बताते हैं कि 1968 में प्रलयकारी बाढ़ हम सबने देखा ,लेकिन कोसी का यह रौद्र रूप पहली बार देख रहे हैं।अचानक ही घुटने भर पानी घर में दिखने लगा जो तेजी से बढ़ता ही चला जा रहा है।

बाढ़ की तबाही का संकेत मिलने के बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 16 टीमों को प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है।सबसे अधिक सुपौल में 4 और फिर सहरसा में 3 टीमें भेजी गयी हैं।जलसंसाधन विभाग ने अपने अन्य तटबंधों को सुरक्षित होने का दावा किया है। इधर, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी रविवार को एनडीआरएफ की बैठक की और बाढ़ से राहत और बचाव के निर्देश दिए हैं।

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