न्यूज़ डेस्क
वैसे तो मंत्री बनने के लिए कई लोग दौर लगा रहे हैं लेकिन इस बार बहुत से नेताओं को खुश नहीं किया जा सकता। लेकिन अनुमान किया जा सकता है कि इस बार के मोदी मंत्रिमंडल में राजनाथ सिंह, एसपी सिंह बघेल और पंकज चौधरी में से दो को फिर मंत्री बनाया जा सकता है।
यह बात और है कि इस बार के चुनाव में आधा दर्जन से ज्यादा मोदी के मंत्री चुनाव हार गए है लेकिन यूपी से अभी भी कई लोग मंत्री बनाये जा सकते हैं। कई लोगों में रेस भी लगी हुई है। माना जा रहा है कि जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए नए मोदी मंत्रिमंडल में नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों के अलावा दो-तीन राज्यसभा सदस्यों को शामिल किया जा सकता है। वहीं, मंत्रिमंडल में पिछड़े और वंचित समाज को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिल सकता है।
केंद्र की मोदी सरकार 3.0 में यूपी की हिस्सेदारी कम होती दिख रही है। मोदी सरकार 2.0 में उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा 14 मंत्री थे। लोकसभा चुनाव 2024 में इनमें से 7 मंत्री चुनाव हार गए हैं। इसको ध्यान में रखते हुए माना जा रहा है कि इस बार यूपी से दस से कम मंत्री ही मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो पाएंगे।
इनमें भाजपा से राजनाथ सिंह के अलावा एनडीए के सहयोगी दलों से रालोद के जयंत चौधरी और अपना दल (एस) से अनुप्रिया पटेल का मंत्री बनना तय है। अठारहवीं लोकसभा चुनाव में प्रदेश से भाजपा के 33 और सहयोगी दलों के तीन सांसद जीते हैं।
सूत्रों का दावा है कि योगी सरकार में लोक निर्माण मंत्री और पीलीभीत से सांसद बने जितिन प्रसाद, देवरिया से सांसद शशांक मणि त्रिपाठी के अलावा राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजयेपी में से किसी को मौका मिल सकता है। भाजपा को अपने प्रभार वाले राज्य में अच्छी सफलता दिलाने पर बाजपेयी के अलावा राधा मोहन दास अग्रवाल और विजय पाल सिंह तोमर को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
वंचित समाज से आने वाले हाथरस से सांसद चुने अनूप वाल्मीकि, दूसरी बार सांसद बने अरुण कुमार सागर, अशोक रावत और जय प्रकाश के अलावा राज्यसभा सदस्य डा. के लक्ष्मण में से किसी को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।बुंदेलखंड क्षेत्र से आने वाले राज्यसभा सदस्य बाबू राम निषाद के नाम की भी चर्चा है।
मोदी सरकार 2.0 में मंत्री रहे महेंद्र नाथ पांडेय, अजय मिश्रा टेनी, संजीव बलियान, साध्वी निरंजन ज्योति, स्मृति ईरानी, भानु प्रताप वर्मा व कौशल किशोर इस बार चुनाव हार गए हैं।