विकास कुमार
विपक्ष के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एकजुट होकर चुनौती देने का संकल्प लिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेजबानी में ये बैठक एक अणे मार्ग पर हुई। इस बैठक में 15 दलों के करीब 30 विपक्षी नेताओं ने हिस्सा लिया। इस बैठक में ये फैसला लिया गया कि तमाम विपक्षी नेता अगले महीने शिमला में आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी ने विपक्षी एकजुटता की इस कवायद के रंग में भंग डाल दिया है। बताया जा रहा है कि पटना में हुई बैठक में अरविंद केजरीवाल ने केंद्र के अध्यादेश पर कांग्रेस को अपना रुख साफ करने के लिए कहा है। केजरीवाल का कहना है कि अगर कांग्रेस दिल्ली से जुड़े अध्यादेश पर स्थिति साफ नहीं करेगी तो वे किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे। आप ने कहा कि कांग्रेस को यह तय करना होगा कि वह दिल्ली के लोगों के साथ है या फिर मोदी सरकार के साथ खड़ी है।
वहीं विपक्षी बैठक के दौरान अरविंद केजरीवाल की नाराजगी के खबरों को तेजस्वी यादव ने सिरे से खारिज कर दिया है। तेजस्वी ने कहा कि कहीं कोई नाराजगी नहीं है। सारी बातें हो चुकी है, किसी को कुछ कहना नहीं है। बहुत ही अच्छी मीटिंग हुई है,अब शिमला की बैठक में डिटेल बातें होंगी और उसके बाद सारी बातें सामने आएगी।
पटना में हुई बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से अरविंद केजरीवाल गायब रहे। यही वजह है कि सियासी गलियारों में केजरीवाल की नाराजगी की चर्चा हो रही है। वैसे अब इस चर्चा में कितनी सच्चाई है इसका पता तो शिमला वाली बैठक में ही चलेगा।