हाई कोर्ट ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की उस याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया है,जिसमें उन्होंने भू आवंटन मामले में उनके विरूद्ध जांच के लिए राज्यपाल द्वारा दी गयी मंजूरी को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट से झटका लगने बाद अब वे सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
कोर्ट ने सिद्धरमैया की उस याचिका पर अपना आदेश सुनाया, जिसमें मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में उनके खिलाफ एअभियोग चलाने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी की वैधता को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने 12 सितंबर को मामले में अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने अपना आदेश सुनाया।
राज्यपाल ने प्रदीप कुमार एस.पी., टी.जे. अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा की याचिकाओं में उल्लिखित कथित अपराधों के लिए 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी।सिद्धरमैया ने 19 अगस्त को राज्यपाल के आदेश की वैधता को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था। राज्यपाल के आदेश को रद्द करने का अनुरोध करते हुए याचिका में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंजूरी आदेश बिना सोचे-समझे जारी किया गया और यह वैधानिक नियमों का उल्लंघन है।