वैसे तो हेमंत सोरेन के जेल जाने के साथ ही कल्पना सोरेन ने अप्रत्यक्ष तौर पर न सिर्फ पार्टी बल्कि सरकार की भी कमान संभाल ली थी।पार्टी का कोई भी निर्णय या कार्यक्रम बगैर कल्पना सोरेन की सहमति के नही होता था।पार्टी ही नहीं सरकार की बागडोर भी अप्रत्यक्ष रूप से कल्पना सोरेन के ही हाथ में थी। मुख्यमंत्री के रूप में चंपई सोरेन कल्पना सोरेन से सलाह लिया करते थे। वे जहां भी जाते कल्पना सोरेन स्वयं भी वहां जाती थी। कुछ जगह से तो ऐसी भी तस्वीर सामने आई कि मंच के बीच में जहां मुख्यमंत्री को बैठना था उस जगह पर कल्पना सोरेन बैठी हुई थी।लेकिन अब गांडेय विधानसभा चुनाव जीतकर कल्पना सोरेन ने झारखंड की राजनीति में औपचारिक रूप से धमाकेदार एंट्री मारी है ।
गांडेय विधान सभा उपचुनाव में जीती कल्पना सोरेन
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को देखते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पहले ही गांडेय विधानसभा के विधायक सरफराज अहमद से इस सीट को खाली करवा लिया था। बाद में लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा के उपचुनाव में कल्पना सोरेन इसी गांडेय विधान सभा से झारखंड मुक्ति मोर्चा की उम्मीदवार थी। यहां हुए उपचुनाव में इन्हें 1,09,827 वोट मिले, जबकि इनके प्रतिद्वंदी दिलीप वर्मा को 82,678 मत प्राप्त हुए। इस प्रकार कल्पना सोरेन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी दिलीप वर्मा को 27,149 मतों से पराजित कर दिया। इन दो उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी सभी उम्मीदवारों की गांडेय विधानसभा में जमानत जप्त हो गई ।
गांडेय विधानसभा मैं आदिवासी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता
गांडेय विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3,16,214 है इसमें से 2,17,526 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 72,000 और आदिवासी मतदाताओं की संख्या लगभग 53,000 बताई जाती है बताया जाता है की इस सीट पर चुनाव के दौरान आदिवासी और मुस्लिम दोनों मतदाताओं का ध्रुवीकरण कल्पना सोरेन के पक्ष में हुआ था, जिससे वह आसानी से यहां चुनाव जीतने में सफल रही।