बीरेंद्र कुमार झा
तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी ने भले ही शानदार जीत दर्ज करते हुए सत्ताशीर्ष तक का मार्ग प्रशस्त कर लिया है। लेकिन इसके साथ ही वहां कांग्रेस पार्टी के ऊपर बगावत के बादल भी मंडराने लगा है।प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के कई बड़े नेताओं ने मुख्यमंत्री के तौर पर तेलंगाना कांग्रेस पार्टी प्रमुख ए रेवंत रेड्डी के नाम पर मोहर लगाने से इनकार कर दिया है।हालांकि इसे लेकर पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है।119 सीटों वाले दक्षिण भारतीय राज तेलंगाना में कांग्रेस ने63 सीटों पर जीत दर्ज की है।
हैदराबाद में सोमवार को कांग्रेस के विधायक दल की बैठक हुई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी के विधायकों के बीच आम सहमति नहीं बनने के चलते शपथ ग्रहण समारोह को टालने का फैसला लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले रेवंत रेड्डी के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए राजभवन में तैयारियां पूरी कर ली गई थी। राज्य में कांग्रेस एक उपमुख्यमंत्री भी तैनात कर सकती है।
रेवंत रेड्डी के खिलाफ रहने वाले कांग्रेसी नेता
कांग्रेस के कई बड़े नेता रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाने के खिलाफ नजर आ रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जो प्रमुख कांग्रेसी नेता रेवंत रेड्डी का विरोध कर रहे हैं, उनमें मल्लू भाटी विक्रमार्क, उत्तम कुमार रेड्डी, श्रीधर बाबू और गोमती रेड्डी बंधुओ का नाम शामिल है।गौरतलब है कि इससे पहले भी खबरें आती रही है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रेवंत रेड्डी के काम करने के तरीके से खुश नहीं थे। कहां जा रहा था कि इस संबंध में कांग्रेस आला कमान को भी इसे लेकर सूचित किया गया था।
कांग्रेस आला कमान पर छोड़ा फैसला
प्राप्त खबर के अनुसार तेलंगाना कांग्रेस ने मुख्यमंत्री का फैसला अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर छोड़ दिया है। इधर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के आब्जर्वर चर्चा के लिए दिल्ली पहुंचे थे।
रेवंत रेड्डी के विरोध की वजह
बीते वर्ष भी इस तरह की खबरें सामने आई थी जहां कर्नाटक कांग्रेस के कई बड़े नेता रेवंत रेड्डी पर सवाल उठा रहे थे। उस दौरान कहां जा रहा था कि वरिष्ठ नेताओं का मानना था की रेवंत रेड्डी अकेले ही काम करते हैं और अपने साथ किसी को नहीं लेते हैं।तब उनके खिलाफ बैठकों का लंबा दौर भी चला था। कांग्रेस के कुछ नेता तब सोनिया गांधी से मुलाकात करने की तैयारी भी कर रहे थे।