Homeदेशझारखंड: टीएसी की बैठक के बाद नगर निकाय चुनाव के टलने की...

झारखंड: टीएसी की बैठक के बाद नगर निकाय चुनाव के टलने की संभावना ज्यादा

Published on

रांची (बीरेंद्र कुमार): नगर निकाय चुनाव को लेकर सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल के मुहर लग जाने के बाद झारखंड में नगर निकाय चुनाव दिसंबर में होना तय माना जा रहा था। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल की अनुमति के बाद अब सरकार से चुनाव कराने की तैयारी पूरी होने संबंधी इशारा मिलते ही झारखंड चुनाव आयोग को नगर निकाय चुनाव को लेकर सिर्फ अधिक घोषणा करना भर ही बाकी रह गया था। लेकिन इसी बीच कई आदिवासी संगठनों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर रांची समेत कई नगर निकाय के मेयर या अध्यक्ष जैसे पदों पर एसटी के आरक्षण समाप्त होने पर अपना विरोध जाहिर करते हुए आंदोलन की धमकी दे डाली। इसके बाद मुख्यमंत्री आनन -फानन में इसे टीएसी यानी जनजातीय प्रमर्शदात्री समिति में ले गए, जिसकी बैठक के बाद फिलहाल झारखंड में नगर निकाय का चुनाव टलता हुआ नजर आ रहा है।

क्या हुआ टीएसी की बैठक में

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जनजातीय परामर्श दात्री समिति यानि टीएसी की बैठक में मुख्य रूप से यह निर्णय लिया गया कि अनुसूचित क्षेत्र के नगर निकाय चुनाव में एकल पद आरक्षित रखने के लिए पुराने प्रावधान को यथावत रखने की अनुशंसा केंद्र सरकार से की जाएगी।

बैठक में पांचवी अनुसूचि के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में एकल पद आरक्षण को लेकर सदस्यों ने कहा कि इस मामले में महाधिवक्ता से विधि परामर्श लिया जाएगा क्योंकि अब तक पंचायतों में पेशा कानून के तहत ही चुनाव हो रहे हैं। पेशा कानून में कोई संशोधन नहीं किया गया है। बैठक में अधिकांश सदस्यों ने एकल पद पर एसटी का आरक्षण समाप्त करने का पुरजोर विरोध किया और इसको लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार को भेजने का सुझाव दिया है। ऐसे में नगर निकाय चुनाव की तिथि को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया गया है।

इधर राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि’द म्युनिसिपल (एक्सटेंशन टू द शेड्ल्ड एरियाज ) बिल 2021की स्टैंडिंग कमिटी (नगर निकाय की समिति, जिसमें जनजातीय समुदायों का प्रतिनिधित्व हो) की अनुशंसा नगर निकाय को वाध्यकारी होगी ‘ को विलोपित करने की अनुशंसा की गई थी, पर विचार करने के बाद उस प्रावधान को यथावत रखने की अनुशंसा केंद्र को भेजने का निर्णय लिया गया। यह भी तय किया गया कि जनजातीय हितों की रक्षा के प्रतिकूल कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए।

टीएसी की बैठक के बाद लिए गए इस निर्णय को पहले कैबिनेट में लाया जाएगा फिर विधान सभा से पास कराकर केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा यानि झारखंड सरकार इस मामले पर कुल मिलाकर स्थिति कुछ इस तरह कर देगी जिससे यह चुनाव फिलहाल तो टलेगा ही ,आगे भी कितना लंबा खींचेगा इसका पता लगाना भी फिलहाल थोड़ा कठिन होगा।

Latest articles

बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनाएगी बीजेपी ! RLM विधायक बदल सकते हैं पाला

बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए की सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) में विधायकों की...

दिग्विजय सिंह ने की RSS की तारीफ तो भड़के कांग्रेस सांसद, कर दी अल-कायदा से तुलना

आरएसएस की संगठनात्मक क्षमता के ऊपर सोशल मीडिया पर सकारात्मक पोस्ट लिखने के बाद...

सिर्फ काले और सफेद क्यों होते हैं चार्जर? साइंस, सेफ्टी और बिजनेस है वजह

क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि आखिर जब स्मार्टफोन अलग-अलग...

न डाइट बदली और न वर्कआउट का तरीका,फिर 30 के बाद क्यों बढ़ने लगता है बेली फैट?

30 की उम्र के बाद बहुत-से लोग एक ही सवाल से परेशान रहते हैं...

More like this

बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनाएगी बीजेपी ! RLM विधायक बदल सकते हैं पाला

बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए की सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) में विधायकों की...

दिग्विजय सिंह ने की RSS की तारीफ तो भड़के कांग्रेस सांसद, कर दी अल-कायदा से तुलना

आरएसएस की संगठनात्मक क्षमता के ऊपर सोशल मीडिया पर सकारात्मक पोस्ट लिखने के बाद...

सिर्फ काले और सफेद क्यों होते हैं चार्जर? साइंस, सेफ्टी और बिजनेस है वजह

क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि आखिर जब स्मार्टफोन अलग-अलग...