न्यूज डेस्क
धनतेरस हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाती है. इस साल धनतेरस 11 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा। धनतेरस (Dhanteras date 2023) का पर्व सोने-चांदी और बर्तनों की खरीदारी के लिए खास होता है। इसके साथ ही इस दिन लोग झाड़ू भी खरीदते हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक है। माना जाता है कि इसमें मां लक्ष्मी का वास होता है। इस वजह से लोग मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदते हैं। आइए जानते हैं कि धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की क्या है मान्यता और इसका महत्व।
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी घर में निवास करती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक है। घर में अगर झाड़ू में पैर लग जाता है तो उसे अशुभ मानते हैं। यही कारण है कि घर में झाड़ू लगाने का बाद उसे ऐसे स्थान पर रखा जाता है जहां पैर ना लगे।
झाड़ू को सुख-शांति समृद्धि का प्रतीक माना जात है। मान्यता है कि झाड़ू घर की दरिद्रता को बाहर करती है। धनतेरस पर घर में नई झाड़ू से झाड़ लगाने पर परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। कहा जाता है कि धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं। यही वजह है कि धनतेरस के दिन लोग बाजार के नई झाड़ू खरीदकर घर लाते हैं और उससे सफाई करते हैं।
धनतेरस के दिन जब भी झाड़ू खरीदें तो उसकी संख्या का विशेष ख्याल रखें। मान्यता है कि धनतेरस के दिन तीन झाड़ू खरीदना अत्यंत शुभ होता है। लेकिन जोड़े में यानी कि दो या फिर चार की संख्या में झाड़ू खरीदने से बचें। झाड़ू को हमेशा ही घर में सबकी नजरों से छिपाकर रखें। इसके अलावा रात में झाड़ू को मुख्य द्वार पर रखने से घर से सारी नकारत्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। झाड़ू की कभी भी किचन, भोजन कक्ष या स्टोर रूम में नहीं रखना चाहिए। माना जाता है कि इससे घर में संसाधनों की कमी आने लगती हैं। झाड़ू को कभी भी खड़ा दिवार के सहारे ना रखें बल्कि इसे हमेशा जमीन पर ही रखना शुभ होता हैं।