न्यूज़ डेस्क
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन ने नीतीश कुमार को महिला सशक्तिकरण की दिशा में पूरे देश का रोल मॉडल बताते हुए कहा कि आधी आबादी को अधिकार देने के मामले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जितने काम किये हैं वह देश के सभी राजनेताओं के लिए मिसाल है।
रंजन ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि यह कुमार की देन है कि चाहे शिक्षा हो या नौकरी, बिहार की महिलाएं आज हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अपने वादे के मुताबिक नीतीश कुमार ने बिहार में नौकरियों की जिस बहार को लाया है उससे सबसे अधिक लाभान्वित महिलाएं ही हुई हैं। अभी तक सरकार लगभग 3.5 लाख सरकारी नौकरियां और तकरीबन पांच लाख रोजगार दे चुकी है। इसके लाभुकों में महिलाओं की संख्या काफी अधिक है।
जदयू महासचिव ने कहा कि शिक्षा विभाग की ही बात करें तो अभी तक दो चरणों में 2,13,159 शिक्षकों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। इनमें से 51 प्रतिशत महिला शिक्षक हैं, यानी आधी आबादी को पूरे से भी अधिक हक दिया गया है। इसके अलावा उन्हें तबादले में भी 35 प्रतिशत का अधिकार दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कारण ही बिहार देश का पहला राज्य बना, जहां अन्य सरकारी नौकरियों में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है। इसी के परिणामस्वरूप आज राज्य में 29,175 महिलाएं पुलिस विभाग में काम कर रही हैं। गौरतलब है कि यह संख्या देश के किसी भी राज्य से ज्यादा है।
रंजन ने कहा कि इसी सरकार ने महिलाओं की नेतृत्व क्षमता पर भरोसा जताते हुए उनकी आधी आबादी के अनुरूप पंचायत और नगर निकायों के चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है, जिसके कारण आज गांव टोलों में भी महिलाएं कामयाबी का झंडा गाड़ रही हैं। इसके अलावा सरकार जीविका योजना के तहत महिलाओं को सामाजिक स्तर पर भी सशक्त कर रही है।
जदयू महासचिव ने कहा कि अभी तक कुल 10.45 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, वहीं एक करोड़ 30 लाख परिवारों की महिलाओं को इन समूहों से जोड़ा जा चुका है। 62 अस्पतालों में दीदी की रसोई, अनुसूचित जाति-जनजाति, आवासीय विद्यालयों एवं अन्य संस्थानों में 14 दीदी की रसोई का संचालन जीविका दीदियों द्वारा किया जा रहा है। वास्तव में नीतीश सरकार के कार्यों की गूंज अब देश के साथ दुनिया में भी सुनाई पड़ रही है।