न्यूज़ डेस्क
भारत में तो लोकतंत्र है लेकिन देश के 85 फिसदी लोग अब मानने लगे हैं कि देश में सैन्य शासन या निरंकुश शासक की जरूरत है। प्यू रिसर्च सेंटर के हालिया ग्लोबल एटीट्यूड सर्वे के अनुसार 24 लोकतांत्रिक देशों में ऐसा मानने वाले लोगों की संख्या भारत में सबसे अधिक थी।
इतना नहीं, भारत में ऐसे लोगों की संख्या तीसरी सबसे कम दर्ज की गई, जो मानते हैं कि विपक्ष को स्वतंत्र रूप से काम करने आजादी का कोई खास महत्व नहीं है।सर्वे के अनुसार, प्रतिनिधि लोकतंत्र शासन का एक अच्छा तरीका है, भारत में ऐसा मानने वालों की संख्या में 2017 की तुलना में 2023 में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
2017 में ऐसा मानने वाले लोगों की संख्या 55 फीसदी ही थी। दिलचस्प बात यह है कि भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा यह भी चाहता था कि विशेषज्ञ यानी टैक्नोक्रेट शासन करें, न कि निर्वाचित अधिकारी।
यह सर्वे भारत में 25 मार्च से 11 मई, 2023 के बीच आमने-सामने साक्षात्कार के जरिए किया गया था। उत्तर-पूर्वी राज्यों और अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप इस सर्वे का हिस्सा नहीं थे। उत्तरदाताओं की सैंपलिंग इस तरह से की गई थी कि इसमें आनुपातिक रूप से लिंग, आयु, शिक्षा, क्षेत्र और शहरी-ग्रामीण की वयस्क आबादी का प्रतिनिधित्व हो।
अमरीकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वे के अनुसार, भारत उन आठ देशों में से एक है जहां सरकार का नेतृत्व करने के लिए ‘मजबूत नेता’ के लिए जन समर्थन हाल के वर्षों में काफी बढ़ा है। सर्वे में जहां, 10 वर्षों के शासन के बाद भी पीएम मोदी की अप्रूवल रेटिंग जहां 79 फीसदी है, वहीं अमरीका में जो बाइडन की अप्रूवल रेटिंग 41 फीसदी और ब्रिटेन में ऋषि सुनक की अप्रूवल रेटिंग 45 फीसदी देखी गई।
फ्रांस में इमैन्युल मैक्रों की अप्रूवल रेटिंग मात्र 28 फीसदी है। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा की अप्रूवल रेटिंग 53 और इटली की जॉर्जिया मेलोनी की अप्रूवल रेटिंग 54 फीसदी दर्ज की गई। सर्वे में शामिल 24 देशों में सिर्फ मैक्सिको और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की स्वीकार्यता है मोदी से अधिक क्रमशः 82 और 89 फीसदी देखी गई।
विपक्ष नेताओं में राहुल गांधी की अप्रूवल रेटिंग भी सर्वे में 62 फीसदी देखी गई। भारत में राहुल गांधी से अधिक लोकप्रियता किसी अन्य विपक्षी नेता की देखने को नहीं मिली। अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खरगे की अप्रूवल रेटिंग क्रमशः 42 और 46 फीसदी दर्ज की गई। ब्रिटेन में कीर स्टार्मर की अप्रूवल रेटिंग 41 और ट्रंप की अप्रूवल रेटिंग 36 दर्ज की गई। वैश्विक स्तर पर भी सिर्फ इंडोनेशिया और स्वीडन में ही किसी विपक्षी नेता की अप्रूवल रेटिंग राहुल से अधिक देखने को मिली।
सर्वेक्षण में निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रति भारतीयों में अविश्वास दिखा। 55 प्रतिशत ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को को आम जनता के राय की परवाह नहीं है। हालांकि, लैंगिक प्रतिनिधित्व के संबंध में सर्वे में आशावादी नजरिया देखा गया। 68 प्रतिशत ने कहा कि यदि अधिक महिलाएं निर्वाचित पदों पर आएं तो बेहतर नीतियां बनेंगी।