अखिलेश अखिल
पिछले दिनों एनसीपी नेता और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा था कि 15 दिनोंके भीतर दिल्ली और महाराष्ट्र में राजनीतिक धमाका हो सकता है । सुले का यह बयान 18 अप्रैल को आया था । ऐसे में एक सप्ताह बाद धमाके की गुंजाइश बनती दिख रही है । सुले एक गंभीर नेता हैं और वह कभी भी कोई ऐसा बयान नहीं देती जिसकी कोई संभावना नहीं हो । यही वजह है कि सुले के बयान को गंभीरता से लिया जा रहा है ।
दिल्ली और महाराष्ट्र में क्या होने वाला है इसकी जानकारी तो किसी को नहीं है लेकिन यह कहा जा रहा है कि अगले सप्ताह तक सुप्रीम कोर्ट सीएम शिंदे समेत इनकी पार्टी के 16 विधायको के बारे में कोई निर्णय लेने वाला है ।यह 16 विधायको की सदस्यता से जुड़ा मसला है और सुप्रीम कोर्ट में यह मामला सुरक्षित है ।कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट अब इस पर फैसला सुना सकता है ।अगर फैसला शिंदे गुट के खिलाफ गया तो दिल्ली का धमाका सिद्ध हो सकता है ।और शायद सुले का इशारा कुछ इसी ओर का है ।
अगर दिल्ली में धमाका होता है यानी सुप्रीम कोर्ट शिंदे और उनके 15 साथियों की सदस्यता समाप्त कर देता है तो महाराष्ट्र में धमाका होगा। लेकिन इसका अंदाजा किसी को नहीं है कि महाराष्ट्र में क्या धमाका होगा? क्या महाराष्ट्र में पहली बार एनसीपी का मुख्यमंत्री बनेगा? शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर 1998 में एनसीपी की गठन किया था और अगले साल के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 58 सीट मिली थी। तब कांग्रेस 75 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी और कांग्रेस व एनसीपी ने मिल कर सरकार बनाई थी। इसके अगले चुनाव में एनसीपी 71 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी और कांग्रेस 69 सीट के साथ दूसरे नंबर की पार्टी हो गई।
अजित पवार का कहना है कि 2004 में एनसीपी का मुख्यमंत्री बन सकता था लेकिन किसी कारण से ऐसा नहीं हो सका। कारण यह था कि उस समय शरद पवार केंद्र की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे और उनकी बेटी सुप्रिया सुले का राजनीतिक करियर शुरू नहीं हुआ था।
अगर उस समय पवार अड़ते और कांग्रेस राजी हो जाती तो उनको छगन भुजबल, आरआर पाटिल या अजित पवार को मुख्यमंत्री बनवाना होता। सो, शरद पवार ने कांग्रेस का मुख्यमंत्री बनने दिया। अब अजित पवार चाहते हैं कि 2004 वाला मौका फिर आ रहा है। वे चाहते हैं कि भाजपा से बात हो और एनसीपी का मुख्यमंत्री बने।
लेकिन शरद पवार के सामने फिर वहीं दुविधा है, जो 2004 में थी। उनको अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाना होगा। अगर वे सीएम बने तो पार्टी पर उनकी पकड़ मजबूत होगी और पवार के बाद सुप्रिया सुले की राह मुश्किल हो जाएगी। तभी इस धमाके की गुंजाइश थोड़ी कम दिख रही है।
अब एक और धमाके की गुंजाइश दिख रही है ।क्या अजीत पवार एनसीपी को तोड़ेंगे ? ऐसा हो भी सकता है और नही भी । हालाकि मौजूदा समय में शरद पवार के रहते अजीत पवार पार्टी को तोड़ देंगे इसकी संभावना नही दिखती ।जबतक शरद पवार नही चाहेंगे । अगर अजीत पवार एनसीपी को तोड़ भी देंगे तो बीजेपी की अगली राजनीति क्या होगी यह देखने की बात होगी ।क्योंकि महाराष्ट्र में अभी तक बीजेपी की को भी साख बची है वह भी खत्म हो सकती है । हां इस खेल का अंतिम परिणाम यह हो सकता है कि बीजेपी का कोई नया सीएम बन सकता है और शिंदे की राजनीति खत्म हो जाएगी ।