न्यूज़ डेस्क
लगता है कभी कभी उम्र बढ़ने के साथ ही इंसान के बोल बचन भी बदलने लगते हैं और कभी तो ऐसा होता है कि इंसान क्या बोल रहा है यह भी पता नहीं चलता। वह अपने ही रो में बोलते चले जाते हैं। मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही नीतीश कुमार के साथ हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज विधान सभा में बोलते बोलते वायरल हो गए। वे बिहार में बढ़ती आबादी पर बात करने खड़े हुए एयर आबादी को महिला शिक्षा के जरिये कैसे नियंत्रित किया जाए इस बोलना। वे बोल भी रहे थे। लेकिन बोलते बोलते उनके शब्द बहक गए।
उनके शब्द द्विअर्थी होने लगे। वे आबादी के मुद्दे पर शादीशुदा जोड़े के शारीरिक संबंधों को लेकर अपनी प्रतिक्रया दे रहे थे लेकिन जो कह रहे थे उससे पूरी सभा भौंचक हो गई। पहली बार नीतीश कुमार उन स्त्री -पुरुष के बीच के संबंधों को उभार रहे थे जो पहले कभी भी उनके मुँह से नहीं सुना गया। शब्दों का चयन कुछ अलग ही तरह का था। हालांकि उनकी मंशा यही थी कि सदान को बढ़ती आबादी के बारे में बताया जाए और बढ़ती आबादी में महिला शिक्षा की कितनी जरूरत है उसे उकेरा जाए।
वायरल वीडियो में नीतीश कुमार कहते दिख रहे हैं, ”जब शादी होगा लड़का-लड़की का तो जो पुरुष है वो करता है न… उसी में वो पैदा हो जाता है और लड़की पढ़ लेती है तो वो करेगा ठीक है लेकिन… करता तो है. जान लीजिए कि संख्या घट रही है. इसमें कमी आई है…”
अब बीजेपी ने नीतीश कुमार को घेरा है। बिहार बीजेपी ने अपने आधिकारिक X हैंडल से पोस्ट किया, ”भारत की राजनीति में नीतीश बाबू जैसा अश्लील नेता देखा नहीं होगा. नीतीश बाबू के दिमाग में एडल्ट “बी ” ग्रेड फिल्मों का कीड़ा घुस गया है. सार्वजनिक रूप से इनके द्विअर्थी संवादों पर पाबंदी लगानी चाहिए. लगता है संगत का रंगत चढ़ गया है!”
बीजेपी नेता निखिल आनंद ने भी वीडियो शेयर करते सीएम पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर लिखा, ”बिहार के सीएम उम्र के ढलान पर हैं और उनका देह-दिमाग-दिल आपस में संतुलन स्थापित नहीं कर पा रहा है। अपनी जिद में नीतीश जी बिहार को किस रसातल की गर्त में पहुंचाएंगे। सदन में सीएम की ऐसी भाषा पर सत्ता पक्ष ठहाके लगा रहा है। सत्ता के नशे में चूर, इन्हें शर्म भी नहीं आती। ”
उधर ,सीएम नीतीश कुमार की टिप्पणी पर बीजेपी की कुछ महिला विधायकों ने इस्तीफे की मांग की है, जिनमें अरणा देवी, निक्की हेम्ब्रम और गायत्री देवी शामिल हैं।
वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया से कहा कि सीएम की टिप्पणी का गलत मतलब नहीं निकालना चाहिए और इसे सेक्स एजुकेशन के रूप में ज्यादा लेना चाहिए। तेजस्वी यादव ने कहा, ”कोई अगर गलत मतलब निकालता है तो ये गलत बात है, ये एक तरह से जो भी मुख्यमंत्री का बयान आया, सेक्स एजुकेशन के बारे में, जब भी सेक्स एजुकेशन की बात की जाती है तो लोग शरमाते हैं, हिचकते हैं तो उससे लोगों को बचना चाहिए।’उन्होंने कहा, ”अब तो स्कूलों में पढ़ाई होती है, साइंस, बायोलॉजी, ये स्कूलों में पढ़ाई होती है, बच्चे पढ़ते हैं, हमको लगता है कि अगर सेक्स एजुकेशन की बात आई, उनका कहने का मतलब आबादी कंट्रोल करने के लिए क्या करना है, वो प्रेक्टिकली बात जो भी आती है, उन्होंने अपनी बात की. इससे लोगों को गलत तरीके में नहीं लेना चाहिए लेकिन इसे सेक्स एजुकेशन के रूप में ज्यादा लिया जाना चाहिए।”