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बजट में राज्यों के साथ भेदभाव के खिलाफ इंडिया गठबंधन कल संसद में करेगा प्रदर्शन

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न्यूज़ डेस्क
इंडिया गठबंधन के फ्लोर नेताओं की बैठक पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि हमने बजट पर चर्चा की…जहां भी गैर-बीजेपी सरकार है, वहां बजट को ब्लैक आउट कर दिया गया है…विकास के नाम पर कुछ नहीं है…हम इसे लेकर कल संसद में विरोध प्रदर्शन करेंगे। हम संसद के अंदर भी अपनी आवाज उठाएंगे…यह बीजेपी का बजट नहीं है, यह पूरे देश का बजट है, लेकिन उन्होंने इसे ऐसे पेश किया है जैसे कि यह बीजेपी का बजट है।

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि केंद्रीय बजट से बजट की अवधारणा खत्म हुई, ज्यादातर राज्यों के साथ पूरी तरह से भेदभाव किया गया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इस साल के केंद्रीय बजट से बजट की अवधारणा पहले ही खत्म हो चुकी है। इसमें ज्यादातर राज्यों के साथ पूरी तरह से भेदभाव किया गया है। इसलिए इसका विरोध कैसे किया जाए, इस पर इंडिया अलायंस की बैठक हुई।

कांग्रेस ने पेश केंद्रीय बजट को ‘नकलची’ तथा ‘कुर्सी बचाओ’ बजट करार दिया।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं और आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि दो तरह की कर प्रणाली सही विचार नहीं है और इसे स्वीकारा नहीं जा सकता।

चिदंबरम ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “इस सरकार का पहला बजट बहुत निराशाजनक है।” उन्होंने दावा किया कि बेरोजगारी के मोर्चे पर सरकार ने कोई प्रभावशाली कदम नहीं उठाए हैं। उनका कहना था, “यह दावा कि वित्त मंत्री द्वारा घोषित योजनाओं से 2.90 करोड़ लोगों को लाभ होगा, अत्यधिक अतिशयोक्तिपूर्ण है।” चिदंबरम ने दावा किया कि मोदी सरकार ने सिर्फ सरकार बचाने के बारे में सोचकर बजट तैयार किया।

केंद्रीय बजट 2024 पर रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि हमने कहा है कि यह सरकार नायडू-नीतीश आश्रित गठबंधन सरकार है। हमने राष्ट्रपति के भाषण के दौरान यह आरोप या अवलोकन किया था…बजट भाषण में इसकी पुष्टि की गई है। एक और तथ्य जो स्थापित है वह यह है कि इस सरकार को दोनों दलों की मांगों को मानना होगा, गठबंधन की दबाव रणनीति का पालन करना होगा…आंध्र प्रदेश और बिहार और थोड़ा सा ओडिशा को छोड़कर…यह हमारी भारतीय राजनीति के संघीय ढांचे के पूरी तरह खिलाफ है।

तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि आज का केंद्रीय बजट तेलंगाना के प्रति केंद्र के रवैये को दर्शाता है। भले ही हम कई बार दिल्ली गए और पीएम, एचएम और अन्य शीर्ष नेताओं से मिले, लेकिन न्याय नहीं हुआ। हमने तेलंगाना को फंड जारी करने का अनुरोध किया। जब पीएम आदिलाबाद आए, तो मैंने उनका स्वागत किया और कहा कि पीएम मोदी बड़े भाई की तरह हैं और उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तेलंगाना को उसका अधिकार मिले। मैं आंध्र प्रदेश को दिए गए फंड पर सवाल नहीं उठा रहा हूं…मेट्रो, आरआरआर रोड या अन्य (तेलंगाना में) के लिए एक भी रुपया नहीं दिया गया। यहां तक कि आईटीआईआर कॉरिडोर परियोजना का भी केंद्रीय बजट में उल्लेख नहीं किया गया। बजट केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए है।

हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि हमें आपदा के बाद की जरूरतों का आकलन (पीडीएनए) मिलेगा। हम चाहते हैं कि आपदा के दौरान इस्तेमाल किए गए 9000 करोड़ रुपये मिलें। यह बहुत दुखद है कि हिमाचल प्रदेश को बजट से कुछ भी नहीं मिला है।

उद्धव शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने केंद्रीय बजट भाषण में एक बार भी महाराष्ट्र का जिक्र नहीं किया और उन्होंने सबसे बड़ा करदाता होने के बावजूद राज्य से भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया। ठाकरे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में केंद्र पर ‘भ्रष्ट सरकार ’ बनाकर और फिर करों के जरिए महाराष्ट्र को लूटने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं समझ सकता हूं कि भाजपा अपनी सरकार बचाना चाहती है और बिहार तथा आंध्र प्रदेश को भारी भरकम बजट दे रही है। लेकिन महाराष्ट्र का क्या कसूर है? यही कि हम सबसे बड़े करदाता हैं? हमारे योगदान के बावजूद हमें क्या मिला? क्या एक बार भी बजट में महाराष्ट्र का उल्लेख किया गया? भाजपा महाराष्ट्र से इतनी नफरत और उसका इतना अपमान क्यों करती है? यह पहली बार नहीं है, भाजपा सरकार के पिछले एक दशक में हमने महाराष्ट्र के खिलाफ यह पूर्वाग्रह देखा है।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 को ‘राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण और गरीब विरोधी’ करार दिया और राज्य को (लाभ से) ‘वंचित’ करने के लिए केंद्र की आलोचना की। मुख्यमंत्री ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल ने ऐसी कौन सी गलती है कि उसे केंद्र ने ‘वंचित’ कर दिया है।

उन्होंने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ इस केंद्रीय बजट में बंगाल को पूरी तरह से वंचित किया गया है। इसमें गरीबों के हितों का खयाल नहीं रखा गया है। यह बजट राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण है। यह दिशाहीन है और उसमें कोई दृष्टि नहीं है। यह बस राजनीतिक मिशन को पूरा करने के लिए है।’’ इससे पहले, दिन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया।

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