दिल्ली सीमा पर एक तरफ किसान अपनी मांगों को हर हाल में मनवाने के लिए दिल्ली कूच करने के लिए अड़े हुए हैं। बीच- बीच में पथरवाजी कर रहे हैं,तो वहीं दूसरी तरफ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों से बातचीत करने के लिए तो तैयार है,लेकिन इनके मंत्रियों के साथ किसानों की बातचीत के बेनतीजा रहने के बाद किसानों को दिल्ली में किसी भी हाल में प्रवेश नहीं करने देने के लिए कंक्रीट और कीलों वाला बैरिकेडिंग लगा रही है और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर रही है,ड्रोन से आंसू गैस छोड़े जा रहे हैं।किसानों और केंद्र सरकार के इस तनातनी के बीच राहुल गांधी ने किसान संगठनों के लिए एक बड़ा वादा किया है। उन्होंने अपने पार्टी के सत्ता में आने पर किसानों के लिए सुनिश्चित एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की बात कही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ट्वीट
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है। कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एसपी की कानूनी गारंटी देने का फैसला लिया है। यह कम से कम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा। न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है।गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस समय भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं। इसके अलावा राहुल गांधी ने सरकार को घेरे में लेते हुए कहा कि किसान नंगे पैर दिल्ली जाकर सरकार से बातचीत करना चाहते हैं, लेकिन सरकार उन पर कहर ढा रही है, उसे रोक रही है, यहां तक कि ड्रोनों से उनपर आंसू गैस बरसा रही है।
किसानों को कानूनी मदद देगी कांग्रेस
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वेंडिंग ने कहा कि वह किसानों को कानूनी मदद मुहैया करेंगे ।
सरकार ने राहुल गांधी के वायदे को खोकला बताया
राहुल गांधी द्वारा किसानों के पक्ष में ट्वीट के माध्यम से किए गए इस वायदे को सरकार के प्रतिनिधियों के द्वारा खोखला वायदा बताया गया है।राहुल गांधी के बयान पर सत्ताधारी पक्ष का कहना है कि राहुल गांधी ने पूर्व में ऐसे कितने ही लोकलुभावन वायदे किए, लेकिन सरकार में आने पर उन्होंने किसी भी राज्यों में जहां ऐसे वायदे कर उनकी पार्टी सत्ता में आई वहां अपने वायदे को पूरा नहीं किया।राहुल गांधी के सारे वायदे सिर्फ लोगों को भरमाकर कांग्रेस की जीत का रास्ता तैयार करने वाले वाला होता है।
एमएसपी पर फंसा है पेंच
किसानों और सरकार के बीच मंत्री स्तर पर हुई वार्ता बेनतीजा रही। सरकार का दावा है कि सरकार ने किसानों की मांगों में से कई मांगों को तत्काल मान लिया था सिर्फ एसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एसपी जैसे कुछ मांगों को छोड़कर। सरकार का कहना है कि एमएसपी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे जिस पर फंडिंग के अलावे राज्य सरकारों से भी बातचीत करना जरूरी है, सरकार उसके लिए समय मांग रही थी ,लेकिन किसान इसके लिए तैयार नहीं थे। सरकार के मंत्री वार्ता के लिए वहां मौजूद रहे, लेकिन किसान ही वहां से उठ कर चले गए। इससे इतर किसानों का कहना है कि नवंबर 2021 में किसान आंदोलन की समाप्ति के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी के लिए कानून बनाने की गारंटी दी थी। ऐसे में इतने दिनों तक उन्होंने इस मामले में कुछ क्यों नहीं किया।