प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही भारतीय जनता पार्टी के 240 सीटों पर ही सीमित हो जाने की वजह से अपनी पार्टी के खुद के बलबूते बहुमत वाली सरकार बनाने में सक्षम नहीं हो पाए,लेकिन एनडीए के नेता के तौर पर उन्होंने बहुमत प्राप्त कर प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभाल ली है।ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि 17 सितंबर को जब पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल का 100 दिन पूरा होगा, तब तक उनकी सरकार के क्रियाकलाप सफल माने जायेंगे या असफल
केंद्र सरकार में शामिल बीजेपी और एनडीए के अन्य घटक दलों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 100 दिनों का यह कार्यकाल उपलब्धियां भरा रहा, तो वहीं विपक्ष एक सौ दिनों के कार्यकाल के आधार पर पीएम मोदी को असफल प्रधानमंत्री करार देते हैं। कांग्रेस ने मोदी सरकार से अपने 100 दिनों के कार्यकाल का हिसाब मांगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 100 दिनों के कार्यकाल को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक असफल प्रधानमंत्री करार दिया है। लेकिन दलों की प्रतिबद्धता पर निर्णय लेने को मजबूर इन दलीय नेताओं से अलग आम जनता और मतदाता खुद अपनी सरकार को आंक सकें ,इसलिए मैं आपके समक्ष 100 दिनों के इस महत्वपूर्ण समयावधि में केंद्र सरकार के क्रियाकलापों को प्रस्तुत कर रहा हूं।
18 वीं लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अबकी बार 400 पार का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यकीन था कि कदाचित बीजेपी 376 पार और एनडीए 400 पार का निर्धारित आंकड़ा प्राप्त नहीं कर सके और चुनाव परिणाम बद से बदतर स्थिति में पहुंच जाए फिर भी कम से कम एनडीए तो बहुमत वाली सरकार बना लेने की स्थित में रहेगा ही। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव परिणाम आने से पूर्व ही शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करके अपनी अगली मोदी 3.0 सरकार के 100 दिन का रोड मैप तैयार कर लिया था। चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने मोदी सरकार को किसानों और रोजगार के मुद्दे पर बुरी तरह से घेरा था। ऐसे में नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपनी 3.0 सरकार के100 दिनों की कार्य योजनाओं में किसानों को केंद्र में रखा, साथ ही रोजगार वृद्धि के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को बूस्ट करने की कोशिश की ।
केंद्र में बनने वाली नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार को अपने प्रारंभिक काल में ही विधानसभा के चुनाव भी झेलना है। इसमें से दो राज्य हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है।इसके अलावा महाराष्ट्र,झारखंड और दिल्ली में भी जल्दी ही चुनाव होने वाले हैं।साथ ही लोकसभा चुनाव के पहले ,चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद भी शंघू बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर डटे किसानों में पंजाब और हरियाणा के किसानों की भूमिका ही प्रमुख है, जो कम से कम हरियाणा विधान सभा के चुनाव को तो प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में इसे देखते हुए प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले मोदी सरकार ने पीएम किसान निधि की 17 वीं किस्त जारी कर दी। । पीएम किसान निधि की किस्त जारी करने के लिए सरकार ने 20 हजार करोड रुपए दिए हैं।इसके अलावा एमएसपी वृद्धि को भी कृषि क्षेत्र के लिए एक अहम फैसला माना जा रहा है। कई फसलों पर ₹100 से लेकर 550 रुपए तक की एमएसपी वृद्धि का फैसला किया गया।इसके अलावा सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की इंपोर्ट ड्यूटी भी बढ़ा दी गई है, जिसका लाभ भी किसानों को मिल सकता है।
18वीं लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने रोजगार को भी बड़ा मुद्दा बनाया था। इसे देखते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार ने रोजगार में वृद्धि के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं को अहमियत दी है।कौशल विकास को ध्यान में रखते हुए 4.1 करोड़ युवाओं के कौशल सुधार और रोजगार सृजन के लिए 2 लाख करोड रुपए का पैकेज बजट में घोषित किया गया है। सरकार ने घोषणा की है कि 100 करोड़ युवाओं को 500 कंपनियों में इंटर्नशिप का लाभ मिलेगा।
2014 में केंद्र की सरकार में आने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आधी आबादी यानि महिलाओं को अपना वोट का आधार बनाया है। इस वर्ष भी विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए नरेंद्र मोदी की सरकार ने महिलाओं की आय वृद्धि का दावा किया है ।सरकार का दावा है कि इसने 100 दिनों में 11 लाख लखपति दीदी बनाई है।ये ऐसी महिलाएं हैं जो वर्ष में एक लाख से ज्यादा कमा सकती हैं।
सरकार में शामिल लोगों का कहना है कि मोदी 3.0 सरकार के प्रारंभिक 100 दिनों में मोदी सरकार ने 15 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। उनका कहना है की पहली बार ऐसा हुआ है कि प्रोजेक्ट लांच होने के साथ ही उद्घाटन की तारीख का भी ऐलान कर दिया गया है। इन प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग रोजगार के लिए भी अहम हैं। सरकार का मानना है कि रोजगार से मतलब केवल सरकारी नौकरी नहीं है ,बल्कि रोजगार के निमित्त लॉन्च किए गए कई दीर्घकालिक प्रोजेक्ट भी रोजगार सृजन के अंतर्गत ही आते हैं। एनडीए सरकार ने 100 दिनों के कार्यकाल के दौरान 3 लाख के ऐसे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है जिसमें 25 हजार गांव को सड़क नेटवर्क से जोड़ना और बाधवान में मेगा पोर्ट बनाना शामिल है। पहले 100 दिनों में देश के 75 हजार मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी को भी सरकार अपनी बड़ी सफलता बता रही है। सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक 2024 भी पेश किया है।राज्यों को बाढ़ से निपटने के लिए 12554 करोड रुपए की मंजूरी दी गई है। मोदी सरकार ने 70 साल से अधिक आयु वर्ग के सभी आय वर्ग के नागरिकों को ₹5 लाख तक का मेडिकल कवर देने की भी घोषणा की है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार में शामिल राजनीतिक दल भले ही 100 दिनों के मोदी सरकार के कार्यकाल को उपलब्धियां से भरा मानते हो,लेकिन विपक्ष इसे एक फैलियर मानता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार 100 दिनों के एजेंडे में फेल रही है।इसके अलावा जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले पर लगाम लगाने में भी केंद्र की सरकार फेल हो रही है। मणिपुर हिंसा मामले में भी उन्होंने और प्रधानमंत्री को बड़े लपेटे में लिया। है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिडेनबर्ग की रिपोर्ट में सेबी चेयरपर्सन पर लगे भ्रष्टाचारों के आरोप को भी मोदी सरकार की विफलता बताया है। इसके अलावा पेपर लीक और महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने पर भी सरकार को घेरने का प्रयास किया है।खड़गे ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के चलते ही मोदी सरकार को वक्फ बिल को जेपीसी के हवाले करना पड़ गया और लैटरल एंट्री पर सरकार को यू टर्न लेना पड़ा है।