न्यूज डेस्क: जेल में बंद प्रेम प्रकाश यानि पी पी,अंडा सप्लायर से पहले पावर ब्रोकर और फिर नौकरशाहों तथा राजनीतिज्ञों का फंड मैनेजर बन गया। राजनीतिज्ञों से उसके मधुर संबंध है। उसने अवैध खनन की काली कमाई को सफेद करने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग की। चार्टर्ड अकाउंटेंट जयशंकर जयपुरिया के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज से इसका खुलासा हुआ है कि प्रेम प्रकाश मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है। ईडी ने हाईकोर्ट में दायर शपथ पत्र में इन तथ्यों का उल्लेख किया है।
खाते में जमा 5.30 करोड़ रुपए की बताया था कर्ज
ईडी के शपथ पत्र में कहा गया है कि जांच में इस बात की जानकारी मिली कि प्रेम प्रकाश पहले मिड डे मील में अंडा सप्लाई करता था। कुछ वर्षों में ही वह पावर ब्रोकर और नेताओं तथा नौकरशाहों का फंड मैनेजर बन गया। उसने अवैध खनन से होने वाली काली कमाई को उजला करने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग की। जांच में पाया गया कि वर्ष 2017 में उसकी कंपनी मेसर्ष हर्बल सॉल्यूशन के पंजाब नेशनल बैंक स्थित खाते में 5.30 करोड रुपए जमा हुए थे। इस कंपनी के खाते से 5.5 करोड़ रुपये मेसर्स लक्ष्मी ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। लक्ष्मी ग्लोबल कंपनी कोलकाता के पते पर निबंधित है। इस लेनदेन के सिलसिले में पूछताछ के दौरान उसने कहा था कि उसके खाते में जमा 5.30 करोड़ रुपए उसे कर्ज के रूप में उसके मित्र संजय चौधरी से मिला है। हालांकि इस कर्ज से संबंधित कोई इकरारनामा वह प्रस्तुत नहीं कर सका।
सीए के ठिकानों से 16 बैकडेटेड ब्लैक स्टांप पेपर मिले थे
ईडी के शपथ पत्र में कहा गया है कि सीए जयशंकर जयपुरिया के ठिकानों से छापेमारी में 16 बैकडेटेड ब्लैंक स्टांप पेपर मिले थे। इसे वर्ष 2021 में खरीदा गया था। पूछताछ में प्रेम प्रकाश ने व्यापारिक सहयोगीयों के साथ इकरारनामा करने के लिए स्टांप पेपर खरीदने की बात स्वीकारी थी। हालांकि वह इसे खाली पड़े रहने के कारणों का जवाब नहीं दे सका। इससे ईडी ने यह माना कि अवैध खनन की काली कमाई को व्यापारिक इकरारनामा के सहारे वैध कमाई साबित करने के उद्देश्य से यह स्टांप पर खरीदे गए थे।
प्रेम प्रकाश से मुख्यमंत्री आवास कनेक्शन
यदि की छापेमारी में प्रेम प्रकाश के घर से एके 47 राइफल और गोलियां बरामद की थी। राइफल और गोलियों के बारे में यह बताया गया कि वर्षा से बचने के लिए 2 जवानों ने इसे प्रेम प्रकाश के घर में रखा था और ये 2 जवान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास की सुरक्षा में कार्यरत थे।