न्यूज़ डेस्क
क्या हिमचाल की कांग्रेस सरकार में सबकुछ ठीक नहीं है ? राज्यसभा की एक सीट के लिए जिस तरह से कांग्रेस के विधायकों ने विपक्षी पार्टी को वोट दिया है उससे कई सवाल उठने लगे हैं। जानकार तो अब यह भी कह रहे हैं कि अगर बीजेपी के खेल को कांग्रेस नहीं समझ पाती है तो ऑपरेशन कमल होने में कोई देर नहीं लग सकती है।
हिमाचल प्रदेश में आज को राज्यसभा कीे इकलौती सीट के लिए वोटिंग जारी है। ऐसे में प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राज्य की सत्ता पर काबिज कांग्रेस के कई विधायकों ने पार्टी से बगावत करते हुए विपक्ष के कैंडिडेट को अपना वोट दिया है। वहीं, इसके बारे में जब प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह से मीडिया वालों ने सवाल किया तो उन्होंने भी इस बात का संकेत दिया कि पार्टी के कई विधायकों ने पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में वोट नहीं किया है।
राज्यसभा चुनाव के दौरान शिमला में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सांसद और हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि पार्टी के कई विधायक सरकार के कार्यप्रणाली से नाराज है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विधायकों में नाराजगी भी स्वाभाविक है। उन्हें लगता था कि सरकार बदलने के बाद सब ठीक होगा। विधायकों को लगता था कि सरकार कुछ कर सकती थी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस के करीब 9 से 10 विधायकों ने क्रास वोटिंग किया है। बता दें कि 68 सदस्यी विधानसभा में किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 35 विधायकों की जरुरत है। 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की 25 सीटों पर जीत मिली थी और कांग्रेस ने 35 सीट अपने नाम किया था। वहीं, 3 सीटें अन्य के खात में थी। ऐसे में अगर ये बात सच होती है तो कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खु सरकार को मुश्किल में पड़ जाएगी और कांग्रेस के हाथ से उत्तर भारत का एक मात्र राज्य भी हाथ से निकल जाएगा।