शिमला: हिमाचल प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को 40 सीटें देकर बीजेपी को राज्य की सत्ता से बेदखल कर दिया है। सत्ता की चाबी भले ही कांग्रेस को मिल गई हो लेकिन पार्टी अभी तक अपना मुख्यमंत्री नहीं तय कर पायी है। फिलहाल, सीएम पद के चेहरे को लेकर पार्टी में अंदरूनी मंथन चल रहा है।
मीटिंग में नहीं बनी किसी नाम पर सहमति
मुख्यमंत्री तय करने के लिए शिमला में कांग्रेस विधायक दल की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें पार्टी के सभी नवनिर्वाचित विधायक शामिल हुए। मीटिंग में चीफ ऑबजर्वर भूपेन्द्र हुड्डा, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हिमाचल के प्रभारी राजीव शुक्ला मौजूद रहे। बैठक खत्म होने के बाद ऑबजर्वर खुद जाकर एक-एक विधायक से मिल रहे हैं। बैठक में किसी एक नाम पर कोई स्पष्ट सहमति नहीं बन पायी।
प्रतिभा सिंह और सुक्खू के नाम की चर्चा
जानकारी के मुताबिक, पार्टी ऑबजर्वर ने सभी विधायकों से अलग अलग जाकर खुद बात की, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कोई नतीजा नहीं निकल पाया। स्पष्ट फैसला न हो पाने के कारण बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास किया गया कि मुख्यमंत्री का फैसला कांग्रेस आलाकमान करेगा। हालांकि, मुख्यमंत्री पद को लेकर दो नामों की चर्चा हो रही है। इसमें सबसे पहला नाम प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का है और दूसरा नाम सुखविंदर सिंह सुक्खू का है, दोनों ही नेताओं ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश किया है।
सभी 40 विधायकों ने CLP बैठक में सर्वसम्मति से आलाकमान को मुख्यमंत्री चुनने के लिए अधिकृत किया है। प्रेक्षक अपनी रिपोर्ट कल-परसों तक आलाकमान को देंगे: कांग्रेस हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, शिमला pic.twitter.com/v98Mr762ZF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 9, 2022
अब कांग्रेस आलाकमान के पाले में गेंद
हालांकि, सुक्खू ने अपने बयान में कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं हूं, मैं तो बस कांग्रेस पार्टी का अनुशासित सिपाही, कार्यकर्ता और विधायक हूं। जो भी फैसला होगा वो पार्टी आलाकमान लेगी और आलाकमान का हर फैसला सर्वोपरि है। ऐसे में, विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि जो भी फैसला कांग्रेस आलाकमान लेगा, वह फैसला उन्हें मंजूर होगा। सब अपनी बात रखेंगे और चुने हुए विधायकों की राय के मुताबिक ही फैसला लिया जाएगा।