कोलकाता (बीरेंद्र कुमार): पश्चिम बंगाल के स्कूलों में अवैध तरीके से शिक्षक पद पर नियुक्त हुए लोगों को कोलकाता हाईकोर्ट ने एक बार फिर बड़ी के चेतावनी दी है। शिक्षक भर्ती घोटाले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने तल्ख लहजे में कहा कि गलत ढंग से नौकरी पाए लोग खुद अपना इस्तीफा दे दें, नहीं तो बाद में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। पूर्व में इस मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि जिन्हें फर्जी तरीके से नौकरी मिली है, वे स्वेच्छा से त्यागपत्र दे दें। कोर्ट को कार्रवाई करने के लिए विवश नहीं करें।
इस्तीफा देने की अंतिम समय सीमा 7 नवंबर को थी
इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस गांगुली ने कहा कि पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में अवैध रूप से शिक्षक की नौकरी पाने वाले के इस्तीफा देने की समय-सीमा खत्म हो गई है। यह सीमा 7 नवंबर तक ही थी लेकिन समय सीमा के अंत होने तक पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के कार्यालय में एक भी इस्तीफा नहीं पहुंचा। हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिन्होंने अभी इस्तीफा नहीं दिया है , उन्हें बाद में अंजाम भुगतना होगा।
अभी तक नहीं पहुंचा किसी का इस्तीफा
राज्य शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो 6 नवंबर को रविवार होने के कारण एसएससी कार्यालय बंद था सोमवार को एसएससी का कार्यालय खुला था, लेकिन सोमवार को भी किसी का इस्तीफा कार्यालय नहीं पहुंचा। इस मामले पर अगली सुनवाई 9 नवंबर को है।
पश्चिम बंगाल में परीक्षा पास हुए बिना ही में बन गए शिक्षक
सीबीआई ने एस एस सी भर्ती घोटाले मामले में कोलकाता हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें बताया गया था कि फेल हुए अभ्यर्थियों के नंबर को एसएससी सर्वर में बदलकर उन्हें पास कर दिया गया है। ग्रुप सी में 3481 और ग्रुप डी में 2810 अभ्यर्थियों के नंबर बदले गए हैं। इसमें किसी को परीक्षा में 1 तो किसी को 0 नंबर मिले थे। ग्यारह और बारह कक्षा के शिक्षकों की भर्ती के लिए एसएससी सर्वर में 907 उम्मीदवारों के प्राप्तांक बदले गए हैं, जबकि नवमी और दसवीं कक्षा के शिक्षकों की भर्ती में 952 अभ्यर्थियों के प्राप्तांक में बदलाव किया गया है ।
जस्टिस अभिजीत गांगुली ने दी फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षकों को चेतावनी
इस जानकारी के सामने आने पर जस्टिस अभिजीत गांगुली ने फर्जीवाड़ा करने पाने वाले शिक्षकों को चेतावनी देते हुए कहा था मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि अवैध रूप से नौकरी पाने वाले सभी लोग अपनी नौकरी खुद से छोड़ दें। अगर वह खुद इस्तीफा दे देते हैं तो कोर्ट कोई कार्रवाई नहीं करेगी, लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो अदालत मामले को दूसरे तरीके से निपटाएगी। ऐसे व्यक्ति इस्तीफा नहीं देते हैं तो मैं ऐसा आदेश दूंगा कि वे भविष्य में कभी सरकारी नौकरी नहीं कर पाएंगे।