बीरेंद्र कुमार झा
झारखंड में नौकरी करने के लिए अब राज्य के मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई करना जरूरी नहीं होगा। गुरुवार को कैबिनेट ने राज्य में नियोजन के लिए झारखंड के शिक्षण संस्थानों से ही 10वीं और 12वीं की पढ़ाई करने की अनिवार्यता समाप्त करने पर सहमति दी।साथ ही नियोजन के लिए पूर्व निर्धारित क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं में संशोधन करते हुए हिंदी अंग्रेजी और संस्कृत को शामिल किया ।
हिंदी,संस्कृत और अंग्रेजी भाषा भी ले सकेंगे अभ्यर्थी
राज्य सेवा के अभ्यर्थियों को झारखंड की स्थानीय रीति रिवाज भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होने की अनिवार्यता को विलोपित करने की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए कैबिनेट ने दर्जन भर नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी। राज्य में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए कुल 12 क्षेत्र और जनजातीय भाषाओं को चिन्हित किया गया था। इनमें उर्दू ,संथाली, बांग्ला, मुंडारी, हो, खड़िया, खोरठा, नागपुरी, हरिया, पंचपरगानिया और कुरमाली भाषा शामिल थे। अब कैबिनेट ने सूची को बढ़ाते हुए राज्यस्तरीय पदों के लिए कुल 15 भाषाओं को मंजूरी दे दी है। जिला स्तरीय पदों के लिए कार्मिक विभाग क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं को चिन्हित कर अलग से सूची जारी करेगा। हाई कोर्ट द्वारा राज्य सरकार की नियोजन नीति खारिज करने के बाद राज्य के स्कूलों से पढ़ाई करने की बाध्यता समाप्त करने और चिन्हित भाषाओं में हिंदी अंग्रेजी वाह संस्कृत को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। परीक्षा में भाषा के 100 अंक के बहु वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे।
हाईकोर्ट ने एसएससी परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली को असंवैधानिक किया था घोषित
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा बनाई गई झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली 2021 को 16 दिसंबर 2022 को असंवैधानिक बताते हुए निरस्त कर दिया था। चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस उदित नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि यह नियमावली भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 6 के प्रावधानों का उल्लंघन है।सरकार की यह नियमावली संवैधानिक प्रावधानों पर खरा नहीं उतरती है, इसलिए इसे निरस्त किया जाता है।
कोर्ट ने आयोग को नए सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था।राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन संख्या 3849 / दिनांक 10.08. 2001 के माध्यम से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली 2021 लागू की थी।
इस संशोधित नियमावली में कहा गया था कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को झारखंड के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से मैट्रिक और इंटर पास करना अनिवार्य होगा तथा अभ्यर्थी को स्थानीय रीति रिवाज भाषा व परिवेश की जानकारी होना अनिवार्य होगा । नियमावली में हिंदी व अंग्रेजी भाषा को सूची से बाहर कर दिया गया था तथा उर्दू भाषा को क्षेत्रीय जनजातीय भाषा की सूची में शामिल किया गया था।
जेएसएससी ने चल रही 12 नियुक्ति प्रक्रिया को किया था रद्द
जेएसएससी ने संशोधित नियमावली 2021 के लागू होने के बाद लगभग 10 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति के लिए दर्जन भर से अधिक प्रतियोगिता परीक्षा की शुरुआत की थी। हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद 12 विभागों के लिए चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था।इसके लिए हजारों प्रतिभागियों ने आवेदन किया था ।