न्यूज़ डेस्क
टीएमसी की फायर ब्रांड नेता महुआ मोइत्रा मामले में आज सुनवाई की जानी है। महुआ पर यह आरोप है कि उन्होंने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे थे और अधिकतर सवाल अडानी को लेकर थे। संसद की एथिक्स कमेटी इस मामले की जाँच कर रही है। कहा जा रहा है कि अगर सब कुछ प्रूव हो गया तो महुआ की मुश्किलें बढ़ सकती है। उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है। हालांकि बीजेपी के लोग यही चाहते है कि की राजनीति को ही ख़त्म कर दिया जाए। जानकार यह भी कह रहे हैं कि बीजेपी एक और अभियान में जुटी है। अभियान यह है कि दो से तीन दर्जन नेताओं को चाहे जैसे भी हो फंसाया जाए और उनकी राजनीति को ख़त्म किया जाए ताकि चुनाव में बीजेपी को कोई बड़ी चुनौती नहीं मिले।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों पर संसद की आचरण समिति की पहली बैठक गुरुवार होगी। पहली बैठक में शिकायतकर्ता भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई के बयान दर्ज किए जा सकते हैं। निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से की गई शिकायत में देहाद्रई की ओर से साझा किए गए दस्तावेजों का जिक्र किया है। बताया जा रहा है कि संसदीय समिति की कार्रवाई में आईटी मंत्रालय और एनआईसी भी सहयोग कर सकते हैं।
गौरतलब है कि स्पीकर ओम बिरला ने यह मामला भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचरण समिति को भेजा है। इससे पहले निशिकांत दुबे ने कहा था कि किसी समय महुआ मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडानी ग्रुप और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेन-देन के ऐसे सबूत शेयर किए हैं, जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर महुआ मोइत्रा ने आरोपों को खारिज किया है। इस मामले में दर्शन हीरानंदानी ने एक हलफनामा भी संसदीय समिति को दिया है, जिसमें निशिकांत दुबे के सभी आरोपों की पुष्टि की है।