मंगलवार को ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश दिया है। न्यायालय ने ज्ञानवापी के सील एरिया में स्थित शिवलिंग वाले टैंक की सफाई करने की अनुमति दे दी है।इस मामले में हिंदू पक्ष ने 2 जनवरी को याचिका दाखिल की थी। हिंदू पक्ष का कहना था की सील एरिया की सफाई की जाए क्योंकि उसमें पाली हुई मछलियां मर रही है और सफाई न होने से बदबू फैल रही है।
जिलाधिकारी को सफाई कराने का निर्देश देने की थी मांग
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिवलिंग वाले क्षेत्र को सील किया गया था।यहां कथित शिवलिंग वाले क्षेत्र में पानी भरा हुआ है, जिसमें मछलियां भी है। इन मछलियों के मरने से वहां बदबू फैल रही है। इसलिए हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके जिलाधिकारी वाराणसी को सफाई करने के लिए निर्देशित करने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में दिया फैसला
हिंदू पक्ष द्वारा शिवलिंग वाले टैंक की सफाई करने से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 16 जनवरी को इस मामले में फैसला देते हुए टैंक की सफाई का निर्देश दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की कथित शिवलिंग से छेड़छाड़ ना हो और टैंक की सफाई डीएम वाराणसी की निगरानी में हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सफाई के दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि पिछले आदेश की किसी तरह से अवहेलना न हो ।किसी भी चीज से छेड़छाड़ ना हो।
मुस्लिम पक्ष ने भी जताई सहमति
आमतौर पर धर्म से जुड़े ऐसे मामले में जब फैसला आता हैं तो एक पक्ष को आपत्ति होती है, लेकिन इस फैसले पर मुस्लिम पक्ष ने भी अपनी सहमति जताई है। दरअसल इस फैसले में जिलाधिकारी वाराणसी को सिर्फ कथित शिवलिंग वाले टैंक की सफाई करवाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही उन्हेई पूर्व के सारे आदेशों की यथास्थिति बनाए रखने का भी निर्देश दिया गया है । जिलाधिकारी को इस बात पर भी विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है कि शिवलिंग वाले टैंक की सफाई के दरमियान किसी भी चीज से छेड़छाड़ ना होने पाए।