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भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारंगे की हालत बिगड़ने से बढ़ी शिंदे सरकार की मुस्किल

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बीरेंद्र कुमार झा

महाराष्ट्र इस समय मराठा आरक्षण की आग में जल रहा है। आरक्षण की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारंगे अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक एकनाथ शिंदे सरकार उनके समुदाय को आरक्षण देने का आदेश जारी नहीं करेगी, वह अपना भूख हड़ताल खत्म नहीं करेंगे ।बताया जा रहा है कि इस बीच उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ रहा है।

मंत्री गिरीश महाजन ने कहा मनोज जरंगे को मनाने की कोशिश जारी है

मराठा आरक्षण और सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरंगे पाटिल पर राज्य मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि मैं मनोज जारंगे से दो-तीन बार भूख हड़ताल खत्म करने का अनुरोध कर चुका हूं, लेकिन वे नहीं मान रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र ने भी उनसे मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया, लेकिन वे नहीं माने। हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि मराठा आरक्षण का स्थायी समाधान निकाला जाएगा और इसे लेकर एक समिति भी बनाई जाएगी उन्होंने कहा कि उनके स्वास्थ्य की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। ऐसे में हमें हम उन्हें हड़ताल खत्म करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।

29 अगस्त से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर है मनोज जारंगे

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारंगे 29 अगस्त से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि जब तक सरकार महाराष्ट्र में उनके समुदाय को आरक्षण देने का आदेश जारी नहीं करती है, तब तक वह अपना अनशन जारी रखेंगे।मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत नौकरियां और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर 40 वर्षीय मनोज जारंगे मध्य महाराष्ट्र के जालना जिला के अंतरवाली सरती गांव में भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

शिंदे ने की सर्वदलीय बैठक

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को मनोज जारंगे के नेतृत्व में चल रहे हैं मराठा आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर मुंबई में आयोजित एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की ।बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बैठक में भाग लेने वाले सभी दलों ने एक प्रस्ताव पारित कर मनोज जारंगे से अपना अनशन वापस लेने का अनुरोध किया है।

सरकार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस केस लिए वापस

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जालना जिले में मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेने तथा आंदोलनकारी पर लाठीचार्ज में शामिल तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की। शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र एक प्रगतिशील राज्य है। हम सभी समुदायों के बीच सद्भाव और शांति चाहते हैं। सभी दलों ने एक प्रस्ताव पारित कर मनोज जारंगे से अपना अनशन वापस लेने का अनुरोध किया है।मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे अपना अनशन समाप्त करने का अनुरोध करता हूं। राज्य सरकार को आरक्षण कोटा मुद्दे पर निर्णय लेने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए समय चाहिए।

 

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