जनता दल यूनाइटेड पहले तो बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए अड़ी हुई थी।इसके अब इसने अपने अड़ियल रवैए में थोड़ी थोड़ी नरमी बरती है,फिर भी यह 16 लोकसभा सीटों पर जहां उसके उम्मीदवार 2019 के लोक सभा चुनाव में जीते हैं, उससे कम सीटों चुनाव लड़ने के लिए बिल्कुल ही तैयार नहीं है। सोमवार को जब जेडीयू ने बिहार में 16 लोकसभा सीटों पर दावा करते हुए दो टूक कहा कि आरजेडी कांग्रेस और वामदार आपस में शेष बचे हुए 24 सीटों में बंटवारा कर लें तो इसके बाद बिहार में इंडिया गठबंधन की हलचल काफी बढ़ गई है।
जेडीयू के दावे को देखते हुए लालू -तेजस्वी से मिलने पहुंच डी रजा
जनता दल यूनाइटेड के द्वारा इस तरह के दावे किए जाने के बाद सीपीआई नेता डी रजा, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलने रावड़ी आवास पहुंच गए। दोनों नेताओं से मिलने के बाद डी रजा ने कहा की सीट शेयरिंग को लेकर हम लोगों के बीच बातचीत चल रही है। शीघ्र ही इस मामले का हल निकाल लिया जाएगा। उन्होंने जेडीयू के बिहार में लोकसभा के 16 सीटों पर दावे को लेकर कहा कि हर मुद्दे पर बात हुई है ।हम लोग मिल बैठकर इसका समुचित हल निकाल लेंगे।
16 सीटों को लेकर क्या है जेडीयू की योजना
जेडीयू नेता विजेंद्र प्रसाद यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सामान्य तौर पर जो गठबंधन होता है, उसमें सीटिंग सीटों पर कोई बात नहीं होती है। यह परंपरा रही है कि जीती हुई सीट पर कोई समझौता नहीं होता है और वहां से सीटिंग ही चुनाव लड़ता है ,ऐसे में बाकी जो 24 सीटें बचाती है, उसमें आरजेडी और कांग्रेस तथा वाम दलों को एडजस्ट करना है। साथ ही विजेंद्र यादव ने यह भी कहा कि बिहार में हमारा गठबंधन आरजेडी के साथ हुआ था और आरजेडी के साथ कांग्रेस और वाम दल गठबंधन में थे। ऐसे में हम किसी भी सूरत में अपनी जीती सीटें नहीं छोड़ सकते हैं ।हां! सीटों की अदला-बदली भले ही संभव है।