बीरेंद्र कुमार झा
भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व के नाम पर वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद करने का प्रयास कर रही है।मंदिरों के पुनुरुद्धार अभियान में बीजेपी लगी हुई है। अयोध्या में लंबे समय से कानूनी दांव पेंच के बाद अब नवनिर्मित मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख भी तय हो गई है। इसपर 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी ने हिंदुत्व के त्यौहार के सहारे ही जीता था, यह जानते हुए भी कि हिंदूत्व बीजेपी का आजमाया हुआ नुस्खा है।राष्ट्रीय जनता दल के नेता हिंदू देवी देवताओं और धर्म ग्रंथो को निशाने पर लेते रहे हैं। इससे अमित शाह & कंपनी की बीजेपी की बिहार में जीत की राह आसान होती चली जा रही है।
हिंदुत्व पर आक्रामक रहे हैं शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर
बिहार में आरजेडी कोटा से शिक्षा मंत्री बने चंद्रशेखर ने हिंदू धर्म ग्रंथो को नफरती बताया था। मनुस्मृति और रामचरितमानस उनके निशाने पर रहे। उसके बाद लगातार वे रामचरितमानस और मनुस्मृति के खिलाफ बोलते रहे हैं।एक बार तो उन्होंने यह भी कह दिया कि राम उनके सपने में आए थे। राम ने उन्हें अपने को बचा लेने का उनसे आग्रह किया था। चंद्रशेखर के बयान को लेकर आरजेडी में विवाद भी हुआ था। चंद्रशेखर के पक्ष में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह खुलकर खड़े हो गए,जबकि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने राम मनोहर लोहिया के रामायण मेला आयोजित करने का हवाला देकर चंद्रशेखर के बयान पर आपत्ति जताई।
जगदानंद सिंह ने राम मंदिर पर ही उठाया सवाल
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने तो अयोध्या में बने राम मंदिर के बारे में नफरती टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण नफरत की जमीन पर हो रहा है। उन्होंने कहा था कि कण कण में रहने वाले राम अब पत्थरों की चाहरदिवारी में चले गए हैं, जहां नफरत की जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। अब भारत में उन्मादियों के राम बचेंगे।अब गरीबों के, झोपड़ी वाले के, तुलसी के, और शबरी के झूठे बेर खाने वाले राम भारत के कण कण में नहीं, बल्कि पत्थरों के भीतर रहेंगे। दरअसल जगदानंद निशाने पर बीजेपी थी, लेकिन उन्होंने इसके लिए जिस अंदाज में बयान दिया उससे राम और अयोध्या के बारे में आस्था रखने वालों के दिल पर गहरी चोट पहुंची होगी।
आरजेडी विधायक फतेह बहादुर ने भी खोला मोर्चा
आरजेडी के विधायक फतेह बहादुर ने अब माता दुर्गा को लेकर नफरती टिप्पणी की है।फतेह बहादुर सिंह ने मां दुर्गा को काल्पनिक बता दिया है। उन्होंने हिंदू आस्था पर यह कह कर चोट पहुंचाई है कि जब ब्रिटिश हुकूमत ने भारत को गुलाम बनाया था, तब उस वक्त दुर्गा जी कहां थी? विधायक फतेह बहादुर ने कहा कि दुर्गा की कहानी काल्पनिक है। मैं उन्हें शक्तिशाली देवी मान लेता, लेकिन मेरे पास साक्ष्य है।उनका तर्क था कि मनु वादियों के अनुसार देश में 33 करोड़ देवी देवता हैं। जब भारत गुलाम हुआ तो उस समय भारतीयों की जनसंख्या 30 करोड़ थी। मैं उन मनुवादियों से पूछना चाहता हूं, जिन्होंने यह लिखा है कि महिषासुर की करोड़ों की संख्या वाली सेना के साथ मां दुर्गा ने लड़ाई लड़ी और महिषासुर का वध कर दिया। जब मुट्ठी भर अंग्रेजों ने भारत को गुलाम बनाया तो मां दुर्गा क्या कर रही थी? 10 हाथ का औजार तब कहां था? उन्होंने तो दुर्गा की पूजा- अर्चना को ही नाजायज खर्च वाला काम बता दिया।
आरजेडी सुप्रीमो खुद मंदिरों के लगा रहे हैं चक्कर
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मंदिरों में जाते हैं, मत्था टेकते हैं और देवी- देवताओं के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते हैं।इस साल नवरात्रि में तो उनके घर में विशेष पूजा अर्चना भी हुई थी। सप्ताह भर पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव खुद धावे मंदिर गए थे। ऐसे में आरजेडी नेताओं की हिंदुओं की आस्था के खिलाफ बयानबाजी के पीछे एक बड़ी राजनीति है।आरजेडी नेता भी अच्छी तरह समझते हैं कि हिंदुत्व का राग अलापकर बीजेपी कहां से कहां पहुंच गई है, इसके बावजूद हिंदुओं के आस्था को ठेस पहुंचाने से वे किसी को रोक नहीं पा रहे हैं। शायद ऐसा मुसलमान का वोट हासिल करने के लिए किया जा रहा है।