न्यूज़ डेस्क
हरियाणा से ही आयाराम गयाराम की कहावत शुरू हुई थी। लेकिन सच तो यही है कि राजनीति का कोई चरित्र ही नहीं है। चरित्रहीन राजनीति का दूसरा सच यही है कि यह खुद को सबसे ज्यादा चरित्रवान मानती है और दूसरों को चरित्रहीन। लोकतंत्र के नाम पर यह ऐसा खेल है जिसे देखकर अब लोगों को घिन भी आती है। कौन नेता कब किस पाले में जाए यह कोई नहीं जानता। मकसद केवल यही है कि वह सत्ता सरकार के साथ रहे। पुरे देश में दलबदल की कहानी तेजी से आगे बढ़ रही है। कोई भी राज्य नहीं जहाँ यह खेल होता नहीं दिख रहा है।
अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश के बड़े जाट नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने सोमवार को बीजेपी छोड़ने का ऐलान कर दिया। उनकी पूर्व विधायक पत्नी ने भी बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया है। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह मंगलवार को कांग्रेस में शामिल होंगे।
इससे करीब एक महीने पहले चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेन्द्र सिंह बीजेपी छोड़कर विपक्षी दल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बीरेंद्र सिंह की पत्नी और हरियाणा से बीजेपी की पूर्व विधायक प्रेम लता ने भी बीजेपी छोड़ दी है। प्रेम लता 2014-2019 तक राज्य में विधायक रही थीं।
सोमवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में बीरेंद्र सिंह ने कहा, “मैंने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और अपना त्याग पत्र पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा को भेज दिया है। मेरी पत्नी प्रेम लता ने भी पार्टी छोड़ दी है। कल मंगलवार को हम कांग्रेस में शामिल होंगे।”
बता दें कि चौधरी बीरेंद्र सिंह कांग्रेस के साथ चार दशक से अधिक समय पुराने रिश्ते को तोड़कर लगभग 10 साल पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। लेकिन सरकार में रहने के दौरान भी वह किसानों और मजदूरों को लेकर लगातार पार्टी के फैसलों पर सवाल उठाते रहे थे। उनके बेटे बृजेन्द्र सिंह के 10 मार्च को कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही माना जा रहा था कि बीरेंद्र सिंह भी जल्द कांग्रेस में शामिल होंगे।