नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग के संरक्षण के मामले में हिंदू पक्ष को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक शिवलिंग के संरक्षण को बढ़ा दिया है। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा की खंडपीठ ने कहा कि 17 मई को पारित अंतरिम आदेश अगले आदेश तक लागू रहेगा।
Supreme Court extends its earlier order for the protection of ‘Shivling’ discovered at Gyanvapi mosque complex, Varanasi. SC extends the protection till further order. pic.twitter.com/T7ugEevWfb
— ANI (@ANI) November 11, 2022
कोर्ट ने दिया था शिवलिंग को संरक्षित करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 17 मई को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी के अंदर जिस वजूखाने से शिवलिंग मिला था, उसे संरक्षित रखा जाए। फिलहाल वहां केंद्रीय बलों की तैनाती है और उसका संरक्षण किया जा रहा है ताकि उसके स्वरूप से कोई छेड़छाड़ न हो सके और यथास्थिति बनी रहे।
कोर्ट ने शिवलिंग वाली जगह को सील रखे जाने के फैसले को अगले आदेश तक बढ़ा दिया
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाली जगह को सील रखे जाने के फैसले को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर जवाब देने के लिए हमें तीन सप्ताह का वक्त दिया है।
Supreme Court has extended the sealing order for the ‘Shivling’ area (at Gyanvapi mosque complex) till further order. The court has given us three weeks time to respond to a petition from the Muslim side: Advocate Vishnu Shankar Jain pic.twitter.com/ulvQlNkaeS
— ANI (@ANI) November 11, 2022
क्या है विवाद
वर्ष 1991 का विवाद ज्ञानवापी मस्जिद के अस्तित्व पर सवाल खड़े करता है। दरअसल 1991 में कोर्ट में एक केस दर्ज हुआ था, जिसमें ये दावा किया गया था कि जिस जगह पर ज्ञानवापी मस्जिद बनी है, वो काशी विश्वनाथ की जमीन है और इस जगह पर छोटे-छोटे मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। इस मामले में हिंदू पक्ष ने ये अपील की थी कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जांच करवाई जाए। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9 सितंबर 2021 को इस केस में ASI के सर्वेक्षण पर रोक लगा दी।