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कतर में गुरु ग्रंथ साहिब के कथित अनादर मामले को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कतर सरकार के सामने उठाया है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि हम इस मामले को उच्च प्राथमिकता के साथ कदम उठा रहे हैं और जल्द ही समाधान की उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हमने कतर के अधिकारियों द्वारा जब्त किए गए गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूपों और सिख समुदाय द्वारा उन्हें वापस करने की मांग संबंधी रिपोर्ट देखी हैं।
मंत्रालय ने कहा कि ‘हमने कतर के सामने पहले ही इस मामले को उठाया है। हमारे दूतावास ने दोहा में रहने वाले सिख समुदाय को भी इस संबंध में जानकारी दे दी है। ये ध्यान रखना अहम है कि कतर के अधिकारियों ने दो व्यक्तियों/समूहों से गुरु ग्रंथ साहिब के दो पवित्र स्वरूपों को जब्त किया था। इन लोगों पर कतर सरकार की मंजूरी के बगैर धार्मिक प्रतिष्ठान चलाने का आरोप है। हमारे दूतावास ने स्थानीय कानूनों और नियमों के दायरे में रहकर हरसंभव मदद की है। पवित्र ग्रंथ के एक स्वरूप को वापस कर दिया गया है और साथ ही यह आश्वासन दिया गया है कि दूसरे स्वरूप को पूरे सम्मान के साथ रखा जाएगा। हम कतर के अधिकारियों के सामने उच्च प्राथमिकता के तहत यह मामला उठा रहे हैं।’
दरअसल कतर में दिसंबर 2023 में एक सिख व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि वह व्यक्ति दोहा में अपनी संपत्ति में स्थापित गुरुद्वारा साहिब में निजी तौर पर गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश करता था और रोजाना स्थानीय सिखों के साथ मिलकर पाठ करता था। कतर सरकार की गैर मुस्लिम विरोधी नीतियों के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उस व्यक्ति को रिहा कर दिया गया था।
हालांकि उसके पास से श्री गुरु ग्रथ साहिब के दो पवित्र स्वरूप मिले थे, जिन्हें दोहा पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया था। स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को थाने में रखा गया है, जिसे गुरु साहिब का अनादर बताया जा रहा है। एसजीपीसी ने विदेश मंत्री और भारतीय राजदूत को पत्र लिखकर स्वरूपों को निकट के गुरुद्वारा में सुशोभित करने का अनुरोध किया था।