नई दिल्ली: भारत 121 देशों के वैश्विक भुखमरी सूचकांक यानी हंगर इंडेक्स में (जीएचआई) फिसलकर 107वें स्थान पर खिसक गया है। हैरानी की बात ये है कि भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी पीछे है। भारत इस सूची में वर्ष 2020 में 94वें, 2021 में 101वें स्थान पर था। दक्षिण एशिया के देशों में अफगानिस्तान के बाद भारत की स्थिति सबसे अधिक खराब हैं।
जीएचआई स्कोर के आधार पर जारी की जाती है रैंकिंग
यह रैंकिंग जीएचआई स्कोर के आधार पर जारी की जाती है और भारत का ये स्कोर लगातार कम हो रहा है। अभी भारत का स्कोर 29.1 है। यह साल 2000 में 38.8 था, जो 2012 और 2021 के बीच 28.8 27.5 के बीच रहा। जीएचआई स्कोर की गणना चार संकेतकों पर की जाती है, जिनमें अल्पपोषण, कुपोषण, बच्चों की वृद्धि दर और बाल मृत्यु दर शामिल हैं।
वेल्ट हंगर हिल्फ ने भारत की स्थिति पर जतायी चिंता
सहायता कार्यों से जुड़ी आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी का संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को ‘चिंताजनक’ बताया गया है। भूख और कुपोषण पर नजर रखने वाली वैश्विक भुखमरी सूचकांक की वेबसाइट पर बीते 14 अक्टूबर को बताया गया कि चीन, ब्राजील और कुवैत सहित अठारह देशों ने पांच से कम के जीएचआई 345678 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान साझा किया है।
नेपाल और बांग्लादेश भी भारत की तुलना में बेहतर स्थिति में
जीएचआई स्कोर की गणना चार संकेतकों पर की जाती है, जिनमें अल्पपोषण, कुपोषण, बच्चों की वृद्धि दर और बाल मृत्यु दर शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पड़ोसी देश जैसे नेपाल (76), बांग्लादेश (76), म्यांमार (71) और पाकिस्तान (92) भी भुखमरी को लेकर चिंताजनक स्थिति में हैं, लेकिन भारत की तुलना में अपने नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराने को लेकर बेहतर प्रदर्शन किया है