न्यूज़ डेस्क
नवादा से गंगा नदी कोसों दूर है लेकिन नवादा के हर घर को आज से गंगाजल मिलन शुरू हो गया। अमृत समान के पानी को देखकर ,छू कर और पी कर लोग गदगद हैं। नीतीश को लोग आशीष दे रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज नवादा जिला के कादिरगंज के पौरा गांव में गंगाजल आपूर्ति योजना का लोकार्पण किया नवादा के लोग जयकारे लगाए। इस जयकारे से सीएम भी गदगद हो गए।
कुमार ने शुक्रवार को लोकार्पण के अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना की और राज्य की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 3.6 करोड़ लीटर क्लियर वाटर पंप हाऊस का उद्घाटन किया। उन्होंने जल शोधन संयंत्र का अवलोकन किया। इस दौरान जल शोधन संयंत्र के अवयव प्री सेटलिंग टैंक, कैस्केड एरियेटर, फ्लैश मिक्सचर, क्लैरी फ्लो कुलेटर एवं फिल्टर यूनिट के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने जल शोधन केंद्र परिसर में पौधारोपण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गंगाजल आपूर्ति योजना के कार्य के सफल क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों और अभियंताओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
कुमार ने गंगाजल आपूर्ति योजना के शुभारंभ के बाद स्वयं पानी पीकर नवादा में हर घर तक गंगाजल को शुद्ध पेयजल के रूप में पहुंचाने की शुरुआत की। अब गंगाजी राजगृह जलाशय से लगभग 20 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाकर नवादा के पौरा में जल-शोधन संयंत्र तक गंगाजल को पहुंचाया जा रहा है। यहां से नवादा शहर के घर-घर में बुडको (नगर आवास एवं विकास विभाग) द्वारा पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है। पौरा के इस जल-शोधन संयंत्र में 3.6 करोड़ लीटर प्रतिदिन पानी को साफ करने की क्षमता है। वहीं पर एक मास्टर अंडरग्राउंड रिजर्वायर का निर्माण भी किया गया है। जिसमें 36 मिलियन लीटर पानी साफ करने के बाद रखा जा सकता है।
व्यवस्था ऐसी की गई है कि मास्टर अंडरग्राउंड रिजर्वायर से सीधे बुडको के चार संप हाउस में पानी भेजा जाएगा। संप हाउस से पंप के माध्यम से पानी को 4 वाटर टैंकों में भेजा जाएगा। प्रत्येक टैंक की क्षमता लगभग साढ़े चार लाख लीटर है। इन टैंकों के माध्यम से नवादा शहर के सभी घरों को पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसके अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 135 लीटर (8-9 बाल्टी) की दर से गंगाजल की आपूर्ति की जाएगी। विद्युत आपूर्ति के लिए पौरा स्थित जल-शोधन संयंत्र के पास ही अलग से विद्युत सब-स्टेशन का भी निर्माण किया गया है।
इस योजना के शुरू होने से नवादा शहर के लोगों के साथ-साथ होटल, धर्मशाला, शिक्षण संस्थान इत्यादि में भी पेयजल की आपूर्ति होगी। इससे भू-गर्भ जल पर निर्भरता कम होगी तथा भू-गर्भ जल का दोहन कम होगा और धीरे-धीरे जल स्तर में बढ़ोतरी होगी। यह पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल योजना है एवं इससे पूरा वातावरण बेहतर होगा।