नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि वह भारत के जी-20 एजेंडे का पूरा समर्थन करता है जो मौजूदा वैश्विक संकटों से संबंधित उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने को योजना पर काम कर रहा है जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। भारत ने गुरुवार को औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की है।
IMF की समीक्षा विभाग की निदेशक सेला पजारबासियोग्लू करेंगी भारत का दौरा
आईएमएफ के नीति समीक्षा विभाग की निदेशक सेला पजारबासियोग्लू ने अगले सप्ताह होने वाली भारत और चीन की अपनी यात्रा से पहले कहा है कि वे (भारत) अधिक समृद्ध भविष्य के लिए एक सामूहिक एजेंडा एक साथ रख रहे हैं। वे (भारत) जारी (वैश्विक) संकटों से संबंधित उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने की योजना तैयार कर रहे हैं, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। पजारबारियोग्लू जाहिर तौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण खाद्य और ऊर्जा संकट का जिक्र कर रही थी।
IMF ने भारत की थीम का किया सर्मथन
जी-20 की भारत की अध्यक्षता की थीम बन अर्थ (एक धरती),वन फ्यूचर(एक भविष्य),वन फैमिली (एक परिवार) है। इसका मतलब यह है कि कि भारत मतभेदों को दूर करने और स्थानीय स्तर,संघीय स्तर,अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करने की आवश्यकता को प्राथमिकता दे रहा है। इंडोनेशिया के बाली में जी-20 की घोषणा को अंजाम तक पहुंचाने में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जैसा कि आप जानते हैं कि हम पिछली दो मंत्रिस्तरीय बैठकों में कोई घोषणा करने में सफल नहीं रहे। मैं इसके विवरण में नहीं जांऊगी कि इसमें कितने घंटे लगे लेकिन, इसलिए यह एक बड़ी उपलब्धि थी, जिसमें बहुत कठोर भाषा शामिल थी कि अधिकतर सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की निंदा की।
घोषणा में सितबंर में एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बेठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा गया था, आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए।