न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी के दौरान गरीबों की मदद के लिए मुफ्त खाद्यान वितरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की गयी। इस योजना के लाभार्थी को केंद्र सरकार द्वारा 5 किलो राशिन फ्री में दिया जाता है। यह राशन प्रति व्यक्ति के आधार पर दिया जाता है। हाल में आए एक रिपोर्ट के अनुसार इस योजना के लाभार्थी की संख्या 80 करोड़ से ज्यादा है। इनमें सबसे ज्यादा लाभार्थी उत्तर-प्रदेश के हैं।
कैबिनेट में पीएमजीकेएवाई योजना को एक जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने हाल में छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक जनसभा में इस योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने की घोषणा की थी। कोरोना काल में लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए इस योजना को शुरू किया गया था। मंत्रिमंडल ने साथ ही महिलाओं से जुड़े 15,000 स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन तथा उसका प्रशिक्षण प्रदान करने की केंद्रीय योजना को मंजूरी दी।
मोदी सरकार के इस फैसले के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार अब इस योजना में 5 साल और फ्री में राशन का वितरण करेगी। इसका मतलब है कि अब इसकी समयसीमा 1 जनवरी 2024 से बढ़ा कर पांच साल के लिए कर दिया गया है। ठाकुर ने कहा कि अगले पांच वर्षों के दौरान इस योजना पर लगभग 11.8 लाख करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा। यानी कि यह योजना अब 31 दिसंबर 2028 तक लागू रहेगी। बता दें, दिसंबर 2022 में पीएमजीकेएवाई समाप्त हो गई, लेकिन इसे एनएफएसए के तहत दोबारा एक साल के लिए शामिल कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि शुरू में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा केवल तीन महीने (अप्रैल-जून 2020) के लिए थी। फिर इसे लगातार बढ़ाया जाता रहा। कई विस्तारों के बाद इसे 31 दिसंबर 2023 को खत्म होना था लेकिन अब इसे एक साल पांच साल का बड़ा विस्तार देकर दिसंबर 2028 तक कर दिया गया है।
पीएमजीकेएवाई दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक कल्याण योजनाओं में एक है, हालांकि दुनियाभर में अलग अलग तरह मुफ्त खाद्यान्न योजनाएं चलती हैं। लेकिन ऐसी योजना कहीं नहीं है। कुछ देशों में संयुक्त राष्ट्र वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डबल्यूएफपी) खाने जैसे प्रोग्राम चलाता है लेकिन वो सीमित तरीके से चलाया जाता है।