अखिलेश अखिल
पांच राज्यों के चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक मंगलवार को दिल्ली के अशोका होटल में होने जा रही है। इस बैठक में गठबंधन से जुड़े लगभग तीन दर्जन दल शमीउल हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए लगभग सभी बड़े नेता दिल्ली पहुंच गए हैं। ममता बनर्जी पहले से यहाँ पहुंची हुई है तो आज पटना से लौ यादव भी पहुंचे हैं। इसके साथ ही नीतीश कुमार भी पहुँच गए हैं। दक्षिण भारत के भी सभी नेता पहुँच गए हैं और जम्मू कश्मीर से भी सभी नेता दिल्ली पहुँच गए हैं।
यह बात और है कि यह बैठक उस समय हो रही है जब पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस तीन राज्यों में हार चुकी है। सिर्फ एक नए राज्य के रूप में उसे तेलंगाना मिला है। ऐसे में गठबंधन की इस बैठक में कांग्रेस कोई बड़ा दावा सीटों को लेकर नहीं कर सकती हालांकि इस गठबंधन की आज भी सबसे बड़ी पार्टी वही है और खड़गे समेत राहुल गाँधी भी चाहहते हैं कि यह गठबंधन आगे बढे और मिलकर मोदी सरकार को हराये। जाहिर है बहार से इस गठबंधन को जितना सन्देश की नजर से देखा जा रहा है ,सच तो यही है कि इस गठबंधन में सबकुछ सही है और सभी नेताओं के सुर मिले हुए हैं। कही सीट शेयरिंग को लेकर कोई मतभेद होगा भी तो उसे सुलझा लिया जाएगा। मकसद तो यही है कि इंडिया चुनाव जीते।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को होने वाली बैठक में गठबंधन के लिए प्रवक्ता या प्रवक्ताओं की नियुक्ति और संयुक्त सचिवालय की स्थापना पर भी मुहर लग सकती है। सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी और डीएमके ने कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया लगभग तेज कर दी है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कई किस्म के कयास लगाए जा रहे थे।लेकिन, इसके बावजूद समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव ने स्पष्ट कहा था कि इंडिया गठबंधन एकजुट है और बीजेपी को उखाड़ फेंकेगा।
इस बैठक का मुख्य एजेंडा लोकसभा चुनावों को लेकर रणनीति को अंतिम रूप देना है। हालांकि कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में गठबंधन दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर भी बातचीत होगी, जिसकी मियाद संभवत: 31 दिसंबर रखी गई है। बताया जाता है कि विपक्षी दलों का एक वर्ग 31 दिसंबर से पहले सीट-बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने की वकालत कर रहा है। इसके बीच सोच यह है कि सीटों का बंटवारा होने के बाद सभी दल व्यवस्थित तरीके से अपने अभियान की संयुक्त रणनीति विकसित कर सकेंगे और इससे मतदाताओं के सामने एक संयुक्त कार्यक्रम पेश किया जा सकेगा।
उधर हाल के विधानसभा चुनावों में हार के बावदूज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इंडिया गठबंधन को लेकर काफी आशावान हैं। उनका जोर पार्टी द्वारा आम लोगों से जुड़े मुद्दों को उजागर करने पर है। उनका कहना है कि देश के आम नागरिक ही नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी को हराएंगे। सूत्रों का कहना है कि चूंकि हाल के विधान सभा चुनावों में जाति जनगणना का मुद्दा वोटरों को आकर्षित करने में नाकाम रहा है, इसलिए इंडिया गठबंधन अपनी रणनीति में बदलाव पर मंथन करेगा।