न्यूज़ डेस्क
राजस्थान के अलवर की एक अदालत ने आज रकबर खान मॉब लिंचिंग मामले में चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। खान की हत्या में पांच आरोपी शामिल थे लेकिन अदालत ने एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुनील कुमार गोयल ने नरेश, विजय, परमजीत और धर्मेंद्र को धारा 341 (गलत तरीके से रोकने के लिए सजा) और 304 आईपीसी (गैर-इरादतन हत्या की सजा) के तहत दोषी ठहराया है।
बता दें कि कि खान को 2018 में मवेशियों की तस्करी के संदेह में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डाला गया था, जिसमें कथित तौर पर कई गौरक्षक शामिल थे। इस घटना के बाद देश में बवाल मच गया था। इसके बाद कई और घटनाएं इसी तरह की हुई थी लेकिन खान की घटना सुर्ख़ियों में आ गई थी।
विशेष लोक अभियोजक अशोक शर्मा ने कहा, धर्मेंद्र यादव, परमजीत, विजय कुमार और नरेश कुमार को आईपीसी की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) और 341 (गलत तरीके से रोकना) के तहत दोषी ठहराया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकतम सजा आजीवन कारावास तक हो सकती है।
बता दें कि युवा रकबर खान 20-21 जुलाई 2018 की रात 32 वर्षीय असलम खान के साथ पैदल गायों को ले जा रहा था। अलवर के रामगढ़ थाने के अंतर्गत लालवंडी में ग्रामीणों द्वारा कथित तौर पर उन्हें रोका गया था।
रकबर पर गंभीर रूप से हमला किया गया और कुछ घंटों बाद उसकी मौत हो गई, जबकि असलम भागने में सफल रहा। वे लालवंडी से लगभग एक दर्जन किलोमीटर दूर हरियाणा के अपने गांव कोलगांव जा रहे थे।
रकबर की मौत से इलाके में आक्रोश फैल गया, जिसके कारण तत्कालीन गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया सहित राजस्थान के शीर्ष पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल का दौरा किया और न्यायिक जांच के आदेश दिए।


- Advertisement -