न्यूज़ डेस्क
राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता संभालने वाले हेमंत सोरेन आज सोमवार 8 जुलाई को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करेंगे। विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास प्रस्ताव के दौरान इंडिया ब्लॉक और एनडीए के विधायकों की रणनीति क्या हो, इसके लिए रविवार शाम सत्ता और विपक्ष के विधायकों की बैठक हुई।
झामुमो, कांग्रेस और राजद विधायकों ने विश्वास मत हासिल करने का विश्वास जताया। वहीं विपक्षी दल एनडीए का कहना है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए यह आसान नहीं होगा।
विपक्ष के नेता अमर बाउरी ने गठबंधन के सदस्यों के बीच अंदरूनी कलह का दावा किया। अमर बाउरी ने कहा कि मुख्यमंत्री सदन में बताएं कि जब पूर्व सीएम चंपई सोरेन पहले से ही काम कर रहे थे तो नई सरकार बनाने की आवश्यकता क्यों थी?
अमर बाउरी ने कहा कि हेमंत सोरेन ने फ्लोर टेस्ट से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार करने की हिम्मत नहीं की, क्योंकि उन्हें पता है कि स्थिति उनके पक्ष में नहीं हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार झामुमो कोटे से हफिजुल हसन, बेबी देवी, मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन, दीपक बिरुवाऔर बैजनाथ राम का नाम मंत्री बनने की रेस में सबसे आगे है।
कांग्रेस कोटे की बात करें तो रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, इरफान अंसारी, बादल पत्रलेख, रामचंद्र सिंह चेरो हेमंत सोरेन और दीपिका पांडेय सिंह के कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। वहीं राजद से सत्यानंद भोक्ता का नाम लगभग तय माना जा रहा है।
बता दें कि इंडिया गठबंधन के पास अभी 46 विधायक हैं। हालांकि इनमे से झामुमो के चमड़ा लिंडा और लोबिन हेम्ब्रम निलंबित हैं। वैसे झामुमो के पास 27 विधायक है। कांग्रेस के 17 विधायक हैं ,राजद और सीपीआई एमएल के एक -एक विधायक हैं।
उधर एनडीए के पास कुल 28 विधायक हैं जिसमे बीजेपी के 24 विधायक हैं। आजसू के तीन और एनसीपी के एक विधायक हैं। जबकि निर्दलीय दो और एक मनोनीत सदस्य हैं। झारखंड विधानसभा में कुल 81 सदस्य है लेकिन अभी 77 सदस्य ही हैं।