झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शुक्रवार को न्यायालय से एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है।उच्च न्यायायलय रांची ने ईडी द्वारा की गयी गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दायर याचिका को खारिज दी है।हेमंत सोरेन द्वारा दायर इस याचिका की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की बेंच में हुई।गौरतलब है कि खंडपीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।इस याचिका में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी व इडी रिमांड को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की गयी है याचिका
इस मामले की लेकर प्रार्थी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना था कि उनकी गिरफ्तारी व ईडी रिमांड गलत है।उन पर इडी ने जो आरोप लगाये हैं, वह मनी लॉउंड्रिंग के अंतर्गत नहीं हैं। ईडी जिस जमीन की बात कह रहा है, वह जमीन उनके नाम कभी रही ही नहीं।उधर, हेमंत सोरेन ने आदेश सुरक्षित रखने के बाद फैसला नहीं देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की है।इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इडी से जवाब मांगा है। वहीं, हेमंत सोरेन की ओर से अपने चाचा के श्राद्धकर्म में शामिल होने के लिए भी एक जमानत याचिका दायर की गयी है।इसमें उन्होंने औपबंधिक जमानत मांगी है।
हेमंत सोरेन सहित तीन की न्यायिक हिरासत 14 दिन बढ़ी
बड़गाईं अंचल की 8.5 एकड़ जमीन से जुड़े मामले मामले में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बड़गाईं अंचल के निलंबित राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मास्टरमाइंड सद्दाम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन की अदालत में पेश किया गया।गुरुवार को कोर्ट ने तीनों की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है। अब कोर्ट में इनकी अगली पेशी 16 मई को होगी।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी की रात में गिरफ्तार किया था।