लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान 7 चरणों में संपन्न होना है।इसके अंतर्गत अबतक पूरे देश में 5 चरण का मतदान संपन्न हो चुका है। 5 वें चरण तक में देश की 543 लोक सभा में से 428 लोकसभा सीट के लिए मतदान हो चुका है।अब 25 मई शनिवार को लोकसभा के छठे चरण का मतदान होगा।लोकसभा के छठे चरण के चुनाव में दिल्ली की सभी 7 सीटों सहित 6 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 58 सीटों पर 25 मई को मतदान होगा। 6 ठे चरण में होने वाले मतदान को लेकर चुनाव प्रचार गुरुवार 23 मई को समाप्त हो गया है।
6 ठे चरण के मतदान में शामिल होने वाले राज्य
लोकसभा के छठे चरण में होने वाले मतदान में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा,झारखंड तथा जम्मू कश्मीर शामिल हैं। 25 मई को होने वाले मतदान के दिन मतदाता राष्ट्रीय राजधानी के सभी 7 सीटों पर अपने जनप्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान करेंगे।इसके अलावा इस दिन मतदाता उत्तर प्रदेश की 14 सीट,हरियाणा की 10 सीट, बिहार और पश्चिम बंगाल की 8- 8 सीट, उड़ीसा की 6 सीट,झारखंड की 4 सीट तथा जम्मू कश्मीर की 1 सीट पर अपने जनप्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान करेंगे।
6 ठे चरण के मतदान के प्रमुख चेहरे
25 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान के प्रमुख उम्मीदवारों में संबलपुर उड़ीसा से धर्मेंद्र प्रधान (बीजेपी)उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी ( बीजेपी)और कन्हैया कुमार (कांग्रेस),सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश से मेनका गांधी (बीजेपी) अनंतनाग राजौरी, जम्मू और कश्मीर से महबूबा मुफ्ती (पीडीपी),तमलुक पश्चिम बंगाल से अभिजीत गंगोपाध्याय (बीजेपी), करनाल हरियाणा से मनोहर लाल खट्टर 4(बीजेपी) कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल (बीजेपी) और गुरुग्राम सीट से राव इंद्रजीत सिंह शामिल हैं।
एस सी,एसटी,ओबीसी तथा मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा
यूं तो लोकसभा चुनाव की घोषणा के पूर्व से ही इंडिया गठबंधन खासकर राहुल गांधी जातिगत जनगणना और आरक्षण की सीमा को 50% से अधिक बढ़ाने की बात कर रहे हैं।लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण में एनडीए और इंडिया दोनों ही गठबंधन द्वारा एससी ,एसटी और ओबीसी के आरक्षण के मुद्दे पर अपनी तरह से प्रतिक्रिया देकर वोट जुगाड़ करने का प्रयास किया गया,लेकिन छठे चरण के चुनाव से पूर्व इसमें एक मुस्लिम फैक्टर भी प्रभावी हो गया। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि गाय के दूध देने से पहले ही इंडी गठबंधन के घटक दलों में घी को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की फिर से दोहराया कि जब तक वह जीवित हैं,तब तक कोई एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को नहीं छीन सकता। उन्होंने इंडिया गठबंधन पर इन वर्गों के आरक्षण को छीन कर मुसलमान को देने का आरोप लगाते हुए जोरदार हमला किया।अपने बातों की पुष्टि के संदर्भ में उन्होंने एक दिन पहले कोलकाता उच्च न्यायालय से पश्चिम बंगाल में 2010 ई से कई वर्गों को दिए गए ओबीसी के दर्जे को अवैध करार देने का उदाहरण देते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन किस प्रकार से दलितों का,आदिवासियों का और पिछड़ों का आरक्षण छीन कर मुसलमान को देने में जुट गया है। वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन की तरफ से ममता बनर्जी ने मोर्चा संभालते हुए हाईकोर्ट के इस निर्णय पर कहा कि वह हाई कोर्ट के इस निर्णय को नहीं मानेगी, नहीं मानेगी।वे और इनकी पार्टी इसे लागू करने के लिए जो भी संभव है सब कुछ करेगी,सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी।