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महाराष्ट्र स्पीकर का बड़ा फैसला, एकनाथ शिंदे बने रहेंगे सीएम,उद्धव गुट को तगड़ा झटका

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शिवसेना के दो गुटों में बांटने के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन बनाकर एकनाथ शिंदे की सरकार सत्ता में आई और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाआघाड़ी की सरकार सत्ता से बाहर हो गई। तभी से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता से जुड़ा मामला महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के कोर्ट में अटका हुआ था।लंबे समय तक यह मामला ऐसे ही पड़ा रहा और विधान सभा अध्यक्ष ने इसपर कोई फैसला नहीं दिया।तब इस तरह की बात सामने आई की विधान सभा अध्यक्ष जानबूझकर इस मामले की लटका रहे हैं, क्योंकि तब शिंदे के मुख्यमंत्री वाली बीजेपी और शिव सेना शिंदे गुट की गंठबंधन वाली सरकार के गिराने का खतरा था।गौर तलब है की तब अजीत पवार के खेमा वाले एनसीपी से बीजेपी का गंठबंधन नहीं हुआ था। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और शीर्ष न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष को इस ढील – ढाल वाले रवैया को लेकर चेतावनी देते हुए उन्हें 31 दिसंबर तक फैसला सुनाने के लिए कह दिया था,लेकिन बाद में इसे 10 जनवरी तक बढ़ा दिया गया था। आज इसकी अंतिम तिथि थी।आज विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया।अयोग्यता के मामले में किए जा रहे फैसले का लाइव प्रसारण किया गया। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना की 2018 की संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता है, क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। रिकॉर्ड के अनुसार मैंने वैध संविधान के रूप में शिवसेना क्यों 1999 के संविधान को ध्यान में रखा है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे का नेतृत्व 2018 संविधान के मुताबिक नहीं है। ऐसे में उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को हटाने का अधिकार नहीं है ।

स्पीकर के रूप में 10 वीं धारा के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर सुनाया फैसला

फैसला सुनाने के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि मेरे सामने मौजूद सबूत और रिकॉर्ड को देखते हुए प्रथमदृष्टया यह संकेत मिलता है कि वर्ष 2013 के साथ-साथ वर्ष 2018 में भी शिव सेना में कोई चुनाव नहीं हुआ था,हालांकि मैं स्पीकर के रूप में दसवीं धारा के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर रहा हूं।इस अनुसूची का क्षेत्राधिकार सीमित है और यह वेबसाइट पर उपलब्ध इसीआई के रिकॉर्ड से आगे नहीं जा सकता है और इसलिए मैंने प्रासंगिक नेतृत्व संरचना का निर्धारण करते समय इस पहलू पर विचार नहीं किया है।इस प्रकार उपरोक्त निष्कर्ष को देखते हुए मुझे लगता है कि इससे शिवसेना के नेतृत्व संरचना परिलक्षित होती है ईसीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध 27 फरवरी 2018 का पत्र प्रासंगिक नेतृत्व संरचना है, जिसे निर्धारित करने के उद्देश्य ध्यान में रखा जाना चाहिए कि कौन सा समूह वास्तविक राजनीतिक दल है।

शिंदे गुट और उद्धव गुट दोनो ही असली शिव सेना होने का कर रहे दावा

महाराष्ट्र विधायकों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत अन्य विधायकों की अयोग्यता मामले पर फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि दोनों ही गुट असली शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन इलेक्शन कमीशन के रिकॉर्ड ने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना है।राहुल नार्वेकर ने आगे कहा कि 2018 का संविधान संशोधन रिकॉर्ड में नहीं है उन्होंने कहा कि उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी।फैसला सुनाते हुए नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान कोई आधार नहीं है। इसी रिकॉर्ड के मुताबिक शिंदे गुट असली शिवसेना पार्टी है। उन्होंने कहा कि अपने फैसले में मैंने इस बात को भी ध्यान रखा है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शिवसेना के 2018 के संविधान पर विचार करने की उद्धव ठाकरे की दलील स्वीकार नहीं की जा सकती है।

फैसला से पहले क्या कहा था मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने

विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली शिवसेना गुटों की याचिका पर महत्वपूर्ण फैसले से पहले मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को गुण दोष के आधार पर अपना फैसला देना चाहिए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वह आदेश के बाद विस्तृत प्रतिक्रिया देंगे।उन्होंने कहा था कि निर्वाचन आयोग ने उनके संगठन को शिवसेना नाम और पार्टी के धनुष और तीर निशाना को बनाए रखने की अनुमति दी है । शिंदे ने कहा था कि उनके गुट के पास विधानसभा में शिव सेना के 67% और लोकसभा में 75% सदस्य हैं।

क्या कहा था शिव सेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने।

विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली शिवसेना गुटों की याचिका पर महत्वपूर्ण फैसले से पहले शिव सेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा था कि विधायकों की अयोग्यता मामले में महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक सारा मैच फिक्स है। इसमें गुण दोष के आधार पर फैसला नहीं होकर पक्षपात होगा। गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर मुख्यमंत्री शिंदे और विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर के बीच हाल में हुई बैठक पर आपत्ति जताई थी।

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