ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के लोग पूछते हैं कि कितने विमान गिरे, यह राष्ट्रीय भावनाओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता।उन्होंने कहा कि जब लक्ष्य बड़े हों तो अपेक्षाकृत छोटे मुद्दे पर सवाल नहीं किए जाते।
लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष के कुछ सदस्य पूछ रहे हैं कि हमारे कितने विमान मार गिराए गए? मुझे लगता है कि उनका सवाल हमारी राष्ट्रीय भावनाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उन्होंने हमसे यह नहीं पूछा है कि हमारे सशस्त्र बलों ने कितने दुश्मन विमानों को मार गिराया।अगर उन्हें कोई सवाल पूछना ही है, तो यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, और इसका जवाब है, हां… अगर आपको कोई सवाल पूछना है, तो यह होना चाहिए कि क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा. इसका जवाब है, हां। क्या आतंकवादी प्रमुखों को नष्ट कर दिया गया? हां।अगर आपको कोई सवाल पूछना है, तो यह पूछें: क्या इस ऑपरेशन में हमारे किसी बहादुर सैनिक को नुकसान पहुंचा? जवाब है, नहीं, हमारे किसी भी सैनिक को नुकसान नहीं पहुंचा।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी भी परीक्षा के बाद परिणाम मायने रखता है। किसी परीक्षा में कोई बच्चा अच्छे अंक लेकर आ रहा है तो हमारे लिए उसके अंक मायने रखने चाहिए। इस बात का ध्यान नहीं रखना चाहिए कि परीक्षा में उसकी पेंसिल टूट गई थी या उसका पेन खो गया।अंतत: परिणाम मायने रखता है। उन्होंने कहा, कि परिणाम यह है कि ऑपरेशन सिंदूर में निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण रूप से पाने में भारत को सफलता मिली।
सिंह ने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि तब हमने यह नहीं पूछा था कि कितने विमान गिरे, कितने उपकरणों को नुकसान पहुंचा।
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को बाहरी दबाव में रोकने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी क्योंकि मिशन से पहले जो उद्देश्य तय किए गए थे, उन्हें पूरी तरह हासिल कर लिया गया।किसी दबाव में ऑपरेशन सिंदूर रोकने का आरोप बेबुनियाद है।रक्षा मंत्री ने कहा कि 10 मई की सुबह जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के कई एयरफील्ड पर करारा हमला किया तो पाकिस्तान ने हार मान ली और संघर्ष रोकने की पेशकश की।राजनाथ सिंह ने कहा कि यह पेशकश इस शर्त के साथ स्वीकार की गई कि यह अभियान सिर्फ रोका जा रहा है, और अगर भविष्य में कोई दुस्साहस हुआ तो अभियान फिर प्रारंभ होगा।