विकास कुमार
मराठा आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र में शांत भी नहीं हुआ है कि अब धनगरों ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख दिखाया है। धनगरों ने आरक्षण की अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए एक मंत्री पर हल्दी पाउडर फेंक दिया। राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल पर सरकारी गेस्ट हाउस में दो लोगों ने हल्दी पाउडर छिड़क दिया है।
हल्दी पाउडर फेंकने वाले व्यक्ति की पहचान धनगर आरक्षण कृति समिति के सदस्य शेखर बागले के तौर पर की गई है। बागले ने चेतावनी दी कि अगर धनगर आरक्षण मुद्दे का जल्द समाधान नहीं किया गया तो अगली बार वे मंत्रियों या यहां तक कि सीएम का चेहरा काला करने में भी संकोच नहीं करेंगे। धनगरों को विमुक्त जाति और घुमंतू जनजाति श्रेणी के तहत लगभग साढ़े तीन फीसदी आरक्षण मिलता है लेकिन वे भारत के अन्य हिस्सों में अनुसूचित जनजाति समूह के कोटा के बराबर आरक्षण चाहते हैं। धनगरों का दावा है कि सरकार के पास मौजूद दस्तावेज में धनगर लिखने में टाइप की त्रुटि ने उन्हें ‘धंगर’ बना दिया है, जिससे जटिलताएं पैदा हो गई हैं, और उन्हें महाराष्ट्र में वीजेएनटी श्रेणी के साथ जोड़ा जा रहा है। समिति के नेताओं ने कहा है कि निज़ाम काल के दौरान धनगरों को एसटी श्रेणी के तहत आरक्षण हासिल था इसलिए उन्हें एसटी का दर्जा दिया जाए।
महाराष्ट्र में हर समुदाय अपने लिए सरकारी नौकरी में आरक्षण हासिल करना चाह रहा है,शिंदे सरकार के लिए इस चुनौती से निपटना आसान नहीं होगा। क्योंकि एक जाति को आरक्षण दिया जाए तो अगले दिन दूसरी जाति भी आरक्षण की मांग करना शुरू कर देगी। अगर इस समस्या का हल नहीं निकाला गया तो मराठा समाज के साथ धनगर समाज भी 2024 में बीजेपी के विरोध में मतदान कर सकता है।