विकास कुमार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने धनगर आरक्षण के लंबित मुद्दे पर एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया है। पिछले कुछ दिनों में मंत्री छगन भुजबल के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति का पारा चढ़ गया है। भुजबल ने साफ कर दिया है कि ओबीसी मराठों के साथ अपना कोटा साझा करने के किसी भी कदम का कड़ा विरोध करेंगे। महाराष्ट्र में 54 फीसदी आबादी ओबीसी समाज का है,वहीं मनोज जरांगे-पाटिल ने कहा कि आखिर भुजबल को मराठों के प्रति इतना गुस्सा क्यों है।
वहीं दूसरे नेताओं ने भी ओबीसी आरक्षण में छेड़छाड़ का विरोध किया है। नाना पटोले,जितेंद्र अवहाद और संजय राउत ने शिंदे पर ओबीसी आरक्षण को कम करने का आरोप लगाया है। इन नेताओं का कहना है कि शिंदे सरकार ओबीसी आरक्षण खत्म करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार और शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने ओबीसी आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली है।
वहीं वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने भुजबल पर हमला बोला है तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भुजबल का समर्थन किया है। नाराज लोगों को शांत करने का प्रयास करते हुए शिंदे ने मुद्दे को भ्रमित करने के लिए भुजबल को फटकार लगाई है,और दोहराया कि सरकार ओबीसी कोटा से मराठा आरक्षण नहीं देगी। शिंदे ने डिप्टी सीएम अजित पवार से हस्तक्षेप करने की अपील की है। साफ है कि मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज है।