न्यूज़ डेस्क
दिल्ली में मेयर चुनाव (Delhi Mayor Election) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षद वोट नहीं दे सकेंगे। शीर्ष अदालत का यह फैसला बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। बता दें कि आम आदमी पार्टी शुरू से मांग कर रही थी कि मनोनीत पार्षदों को वोटिंग करने का अधिकार ना दिया जाए लेकिन बीजेपी इसका विरोध कर रही थी।
आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत
माना जा रहा है इस फैसले से आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है तो वहीं बीजेपी को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेयर चुनाव होने के बाद मेयर ही डिप्टी मेयर (Deputy Mayor) और स्टैंडिंग कमेटी (Standing Committee) का चुनाव कराएंगे। इस चुनाव में भी मनोनीत पार्षद वोट नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अगले 24 घंटे के भीतर चुनाव के लिए एमसीडी की पहली बैठक बुलाने के लिए नोटिस जारी करने के लिए भी कहा है।
केजरीवाल ने कहा जनतंत्र की जीत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे जनतंत्र की जीत करार दिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ”सुप्रीम कोर्ट का आदेश जनतंत्र की जीत। सुप्रीम कोर्ट का बहुत बहुत शुक्रिया। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा। ये साबित हो गया कि एलजी और बीजेपी मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे गैरकानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं।”
शीर्ष अदालत ने क्या कहा
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 243 आर और दिल्ली नगर निगम अधिनियम,1957 की धारा 3 (3) पर भरोसा करते हुए कहा कि प्रशासक द्वारा नामित व्यक्तियों के पास मतदान का अधिकार नहीं है। पीठ ने आदेश दिया, “एस 3(3)(B)(1) के संदर्भ में नामित सदस्यों के पास मतदान के अधिकार का प्रयोग करने पर प्रतिबंध पहली बैठक में लागू होगा, जहां महापौर और उप महापौर का चुनाव होना है।” साथ ही पीठ ने दिल्ली के लेफ्टिनेंट जनरल और दिल्ली नगर निगम की उन दलीलों को खारिज कर दिया कि मनोनीत सदस्य वोट देने के हकदार हैं।