न्यूज़ डेस्क
आज दिल्ली के मेयर और डिप्टी के चुनाव की घोषणा की गई। यह चुनाव 26 अप्रैल को होना है। लोकसभा चुनाव से पहले इस में चुनाव में आप और कांग्रेस की अग्नि परीक्षा होनी है। जानकार मान रहे हैं कि अगर इस चुनाव में बीजेपी के खिलाफ वोट डाले जाते हैं तो इसे लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी को लेकर बड़ा झटका माना जा सकता है। इस चुनाव को लेकर बीजेपी भी काफी तैयारी कर रही है।
सूचना के मुताबिक चुनाव के लिए 26 अप्रैल को दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक बुलाई गई है। दिल्ली में फिलहाल मेयर और डिप्टी मेयर दोनों ही पद आम आदमी पार्टी के पास हैं। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगामी चुनाव में वह इन दोनों पदों पर अपनी जीत बरकरार रख पाती है या नहीं।
लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में नगर निगम के मेयर का चुनाव होना है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का अभी एमसीडी में गठबंधन नहीं है, लेकिन एमसीडी चुनाव को लेकर माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों में लगभग एक राय बन चुकी है।
मेयर का ये चुनाव आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं होने वाला है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दोनों पार्टियां अब एक दूसरे का हाथ थाम कर चलने की बात करती नजर आ रही हैं।
फिलहाल शैली ओबेरॉय मेयर पद पर आसीन हैं। लेकिन इस बार उनके स्थान पर सदन को कोई नया मेयर मिलना तय है।
इस वर्ष मेयर पद अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित है। ऐसे में अनुसूचित जाति से जीते पार्षद को ही यह पद मिलेगा। जबकि उप मेयर पद पर कोई भी पार्षद नामांकन कर सकता है।
गौरतलब है कि एमसीडी में आम आदमी पार्टी का बहुमत है। मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव में 250 निर्वाचित पार्षद, 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सदस्य और 14 विधायक वोट करते हैं। अलग से कांग्रेस के 9 पार्षदों का साथ मिलने से आप के पास अच्छा संख्या बल हो सकता है।