न्यूज डेस्क
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फीडबैक यूनिट से विपक्षी दलों की कथित जासूसी कराने के मामले में मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। सीबीआई ने 8 फरवरी को गृह मंत्रालय से मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी।
Ministry of Home Affairs has given sanction to prosecute Delhi Deputy CM Manish Sisodia under the Prevention of Corruption Act in the ‘Feedback Unit’ alleged snooping case pic.twitter.com/mEZfVt8K0g
— ANI (@ANI) February 22, 2023
दिल्ली भाजपा ने किया फैसले का स्वागत
दिल्ली भाजपा ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने के फैसले का स्वागत किया है। भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा है कि हमने ये मुद्दा कई बार उठाया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने एक यूनिट बनाई, कैमरा खरीदे गए और तमाम अफसरों को इसके अंदर नियुक्त किया गया था। गैर-कानूनी तरीके से इन्होंने कई मीडिया संस्थानों के अफसरों की भी जासूसी करवाई है।
अपने प्रतिद्वंद्वियों पर झूठे केस करना एक कमजोर और कायर इंसान की निशानी: सिसोदिया
इस पूरे मामले पर मनीष सिसोदिया ने भी प्रतिक्रिया दी है। मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि अपने प्रतिद्वंद्वियों पर झूठे केस करना एक कमजोर और कायर इंसान की निशानी है। उन्होंने लिखा, “जैसे जैसे आम आदमी पार्टी बढ़ेगी, हम पर और भी बहुत केस किए जाएंगे।
अपने प्रतिद्वंदियों पर झूठे केस करना एक कमज़ोर और कायर इंसान की निशानी है।
जैसे जैसे आम आदमी पार्टी बढ़ेगी, हम पर और भी बहुत केस किए जाएँगे। https://t.co/hu37UOytyt
— Manish Sisodia (@msisodia) February 22, 2023
क्या है फीडबैक यूनिट केस?
2015 के विधानसभा चुनाव जीतने के कुछ महीनों के भीतर आम आदमी पार्टी की सरकार ने कथित तौर पर सतर्कता विभाग को मजबूत करने के लिए एक “फीडबैक यूनिट” बनाई थी। इसके खिलाफ सीबीआई को एक शिकायत दी गई और शुरुआती जांच में सीबीआई ने पाया कि फीडबैक यूनिट ने राजनीतिक खुफिया जानकारी भी इकट्ठा की थी।
सीबीआई ने सतर्कता विभाग को भेजी रिपोर्ट
सीबीआई ने 12 जनवरी, 2023 को सतर्कता विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए एलजी की मंजूरी मांगी गई। इसके बाद, सीबीआई के अनुरोध को गृह मंत्रालय के पास भेज दिया गया।
जांच में क्या मिला सीबीआई को
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कहा कि फीडबैक यूनिट द्वारा तैयार की गई 60% रिपोर्ट्स सतर्कता विभाग से संबंधित मामलों से संबंधित थीं, जबकि 40% “राजनीतिक खुफिया जानकारी” के बारे में थीं। एजेंसी ने दावा किया कि इकाई (फीडबैक यूनिट) दिल्ली सरकार के हित में नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी और सिसोदिया के निजी हित में काम कर रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने यह भी दावा किया कि यूनिट की रिपोर्ट के आधार पर किसी लोक सेवक या विभाग के खिलाफ कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं की गई।