नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में दिल्ली के छावला इलाके में एक 19 वर्षीय युवती के साथ रेप और हत्या के मामले में अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों रवि, राहुल और विनोद को बरी कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2014 में दोषियों को मौत की सजा बरकरार रखी थी। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों के लिए किसी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने 7 साल पुराने मामले में दोषियों को बरी कर दिया है।
2012 Chhawla rape case: Supreme Court acquits three men who were awarded the death penalty by a Delhi court after being held guilty of raping and killing a 19-year-old woman in Delhi’s Chhawla area in 2012 pic.twitter.com/CsbjUhROn3
— ANI (@ANI) November 7, 2022
आरोपियों ने कार के औजारों से किया था युवती पर हमला
मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली 19 वर्षीय युवती दिल्ली में छावला के कुतुब विहार में रहती थी। 9 फरवरी 2012 वह अपने काम से खाली होकर घर की ओर जा रही थी। तभी रास्ते में राहुल, रवि और विनोद नाम के तीनों आरोपियों ने युवती को अगवा कर लिया। बेटी के न मिलने पर परिवार वालों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की और तलाशी शुरू की गई। काफी खोजबीन के बाद पुलिस को लड़की की लाश हरियाणा के रेवाड़ी में बहुत बुरी हालत में मिली। युवती के शरीर पर कई चोटें थीं और उस पर कार के औजारों से लेकर मिट्टी के बर्तनों तक की वस्तुओं से हमला किया गया था।
2012 Chhawala rape case: SC acquits all convicts
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आरोपियों ने युवती का गैंगरेप कर सिगरेट और गर्म लोहे से दागा
जांच में पता चला कि लड़की के साथ गैंगरेप करने के अलावा आरोपियों ने उसके शरीर को सिगरेट और गर्म लोहे से दागा था। लड़की के चेहरे और आंखों पर तेजाब डाला गया था। उसे कार में मौजूद औजारों से बुरी तरह पीटा गया था। पुलिस ने बताया था कि रवि ने अपराध की साजिश रची, क्योंकि महिला ने रिश्ते के लिए उसके प्रपोजल को ठुकरा दिया था।