Homeदेशदिल्ली AIIMS से हैकर्स का 200 करोड़ का डिमांड, क्रिप्टोकरेंसी में मांगी...

दिल्ली AIIMS से हैकर्स का 200 करोड़ का डिमांड, क्रिप्टोकरेंसी में मांगी गई फिरौती

Published on

हिंदुस्तान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल AIIMS यानी ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के सर्वर पर हैकर्स ने बुधवार 23 नवंबर से कब्जा कर रखा है। सूत्रों के मुताबिक हैकर्स ने अब फिरौती के तौर पर 200 करोड़ की डिमांड की है। हैकर्स ने क्रिप्टोकरंसी के जरिए पेमेंट की मांग रखी है।

सर्वर हैक होने से 2 से 3 करोड़ मरीज प्रभावित

रैनसमवेयर अटैक कर के AIIMS अस्पताल का सर्वर हैक कर लिया गया है। जिससे अस्पताल की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही है। OPD और IPD में आने वाले मरीजों को इलाज कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ है।एक अनुमान के मुताबिक करीब 2 से 3 करोड़ मरीजो को इस साइबर अटैक से इलाज में दिक्कतें आ रही हैं। एम्स में इमरजेंसी, आउटपेशेंट, इनपेशेंट, लैब इकाई को रजिस्टरों पर और मैनुअली देखा जा रहा है। हांलाकि एम्स प्रशासन की ओर से साफ तौर पर मना करते हुए कहा गया है कि 200 करोड़ रुपये क्रिप्टोकरंसी मांगने की कोई बात नहीं हुई है।

क्रिप्टोकरेंसी में ही क्यों मांगी गई फिरौती

क्रिप्टोकरेंसी एक डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी की तरह काम करता है और इसमें बैंक जैसी कोई संस्था काम नहीं करती है. जिसकी वजह से इस करेंसी को यूज करने वाला पूरी तरह से गुमनाम या फिर छिपा हुआ हुआ होता है। साथ ही बिटकॉइन और इसकी जैसी दूसरी करेंसी को वर्चुअल वॉलेट्स में रखा जा सकता है। जिसकी पहचान सिर्फ नंबर से ही होती है। यही वजह है कि साइबर क्रिमिनल्स या हैकर्स के लिए लिए क्रिप्टो सुरक्षित जरिया बन जाता है।

कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी को इनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी की मदद से जेनरेट किया जाता है और उसके बाद रेगुलेट भी किया जाता है। इस तरह की करेंसी को दुनिया के किसी भी केंद्रीय बैंक की ओर से मान्यता नहीं मिली हुई है ना ही ये किसी केंद्रीय बैंक की ओर से रेगुलेट होती है. इस तरह की करेंसी पर किसी ​भी देश की मुहर भी नहीं लगी होती है।

खतरे में VVIP लोगों का डाटा

आशंका जताई जा रही है कि सेंधमारी के कारण लगभग 3-4 करोड़ मरीजों का डेटा प्रभावित हो सकता है। एम्स में सामान्य लोगों से लेकर देश के टॉप वीवीआईपी तक का इलाज हुआ है। अगर उनकी केस हिस्ट्री भी डिजिटल रही है और वो साइबर हमलावरों के हाथ लगी है तो वे उस डेटा का किसी भी तरह से दुरुपयोग कर सकते हैं। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह, कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई बड़े वीवीआईपी एम्स में भर्ती रहे हैं। भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि रैंसमवेयर हमले की जांच कर रहे हैं।

Latest articles

एशिया कप में पाकिस्तान को हराकर भारत की जीत पर राजनीति गर्म

28 सितंबर को दुबई में खेले गए भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप...

स्वदेशी अपनाने की बात,फिर चीन से आयात क्यों?पवन बंसल ने PM मोदी पर उठाए सवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (28 सितंबर, 2025) को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की...

दिवाली-छठ से पहले बिहार को रेलवे का गिफ्ट, छपरा समेत इन शहरों से चलेंगी स्पेशल ट्रेनें

भारतीय रेलवे ने दिवाली और छठ से ठीक पहले बिहार को बड़ी सौगात दी...

फोन को हमेशा100% चार्ज करना पड़ सकता है भारी,बैटरी बचाने के लिए अपनाएं ये आदतें

हममें से कई लोगों को 100% फोन चार्ज रखने की आदत होती है।जब भी...

More like this

एशिया कप में पाकिस्तान को हराकर भारत की जीत पर राजनीति गर्म

28 सितंबर को दुबई में खेले गए भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप...

स्वदेशी अपनाने की बात,फिर चीन से आयात क्यों?पवन बंसल ने PM मोदी पर उठाए सवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (28 सितंबर, 2025) को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की...

दिवाली-छठ से पहले बिहार को रेलवे का गिफ्ट, छपरा समेत इन शहरों से चलेंगी स्पेशल ट्रेनें

भारतीय रेलवे ने दिवाली और छठ से ठीक पहले बिहार को बड़ी सौगात दी...